/sootr/media/media_files/2025/06/26/irregularities-in-bharatmala-project-the-sootr-2025-06-26-14-13-57.jpg)
छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना में अनियमितताओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बिलासपुर जिले से सामने आया है, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग 130 ए (बिलासपुर-उरगा) के भू-अर्जन और मुआवजा वितरण में गंभीर अनियमितताओं के चलते तत्कालीन तहसीलदार डीके उईके और पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ तोरवा थाने में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है।
ये खबर भी पढ़ें... रानू साहू को मिला भारतमाला में मुआवजा, कलेक्टर पति ने दान में दी 15 एकड़ जमीन
भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितता
बिलासपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम ढेंका में भारतमाला परियोजना के तहत किए गए भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच के लिए गठित जिला स्तरीय समिति ने मुआवजा राशि के वितरण में गड़बड़ी की पुष्टि की। समिति की रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान तहसीलदार राहुल शर्मा ने तोरवा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 34 (साझा इरादा), 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों में जालसाजी), 468 (जालसाजी के उद्देश्य से दस्तावेज तैयार करना), और 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया।
ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला परियोजना की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी कर घोटाला
मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें
भारतमाला परियोजना के तहत बिलासपुर-उरगा मार्ग के निर्माण के लिए ग्राम ढेंका में भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस दौरान मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं, जिसमें कथित तौर पर गलत दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा राशि का वितरण किया गया। जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति ने मामले की गहन पड़ताल की और अनियमितताओं की पुष्टि की। जांच में तत्कालीन तहसीलदार और पटवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला घोटाला में मुआवजा घपले की जांच तेज, चार नई टीमें गठित
परियोजना पर सवाल
भारतमाला परियोजना, जो देश के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बार-बार अनियमितताओं के कारण चर्चा में रही है। बिलासपुर का यह मामला भी परियोजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी अनियमितताओं के कारण न केवल परियोजना की प्रगति प्रभावित होती है, बल्कि प्रभावित किसानों और भूस्वामियों को भी उचित मुआवजा मिलने में देरी होती है।
ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपी, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
आरोपियों से पूछताछ जारी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि परियोजना में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच, यह घटना भारतमाला परियोजना के प्रबंधन और निगरानी तंत्र पर नए सिरे से सवाल खड़ा कर रही है।
प्रशासनिक लापरवाही का मामला
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना कितना जरूरी है। अब देखना यह होगा कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
तहसीलदार और पटवारी पर एफआईआर | Bharatmala Project | Irregularities in Bharatmala Project | FIR against the Tehsildar and Patwari | छत्तीसगढ़ की खबरें | Chhattisgarh News