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फ्रांस के प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल 2024 में इस बार न केवल सिनेमा और फैशन की झलक देखने को मिली, बल्कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट की गंभीर चेतावनी भी गूंजती सुनाई दी और इसकी वाहक बनीं छत्तीसगढ़ के दुर्ग की जूही व्यास।
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जूही ने ग्रीनपीस इंडिया और 'वॉइस ऑफ द प्लैनेट' अभियान के तहत भारत का प्रतिनिधित्व किया और रेड कार्पेट पर एक ऐसी ड्रेस पहनकर उतरीं, जो फैशन के जरिए जलवायु संकट का संदेश दे रही थी। यह ड्रेस वियतनामी डिज़ाइनर नगुयेन टी ट्रीन द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई थी, जिसमें बढ़ते तापमान, विलुप्त होती प्रजातियाँ, समुद्री संकट और धरती के जलने की पीड़ा को कलात्मक रूप से दर्शाया गया था।
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यह सिर्फ फैशन नहीं, एक क्रांति थी
जूही ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मैं एक छोटे शहर से आती हूँ। न बॉलीवुड से जुड़ी हूँ, न सुपरमॉडल हूँ। मेरे पास रेड कार्पेट का कोई कनेक्शन नहीं था। बस एक उद्देश्य और उसे निभाने का साहस था।"
उन्होंने आगे कहा, "यह ड्रेस सिर्फ कॉउचर नहीं है, यह जलवायु का संदेश है – यह कपड़े में सिली हुई जलती धरती है। फैशन विरोध का माध्यम बन सकता है, और रेड कार्पेट भी क्रांति का मंच बन सकता है।"
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छोटे शहर की आवाज़, वैश्विक मंच पर गूंजी
जूही की यह भागीदारी न केवल उनके लिए बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और भारत के लिए गर्व का विषय है। एक छोटे शहर से आई महिला का विश्वस्तरीय मंच पर ग्लोबल इश्यू को उठाना, उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो किसी बड़े उद्देश्य के लिए खड़े होना चाहते हैं।
कान्स फिल्म फेस्टिवल जैसे भव्य आयोजन में जब जूही ने पर्यावरणीय मुद्दों की ओर ध्यान खींचा, तो यह साबित हो गया कि रेड कार्पेट पर चलना केवल ग्लैमर नहीं, जिम्मेदारी भी हो सकती है।
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