ननों की गिरफ्तारी और कब्र से शव निकालने को लेकर बड़े पैमाने पर ईसाई समाज का विरोध प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के कांकेर में ईसाई समुदाय ने कब्र से शव निकालने, चर्च में तोड़फोड़ और पीड़ित परिवार को धमकाने के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

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Harrison Masih
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Kanker Christian protests: जामगांव में कथित धर्मांतरण के बाद एक ग्रामीण की मौत के बाद शुरू हुआ विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है। जामगांव में मृत व्यक्ति की कब्र खोदकर शव निकालने और चर्च में तोड़फोड़, पीड़ित परिवार को धमकाना और दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी जैसे मामलों के विरोध में ईसाई समुदाय के हजारों लोग शुक्रवार को कांकेर के मेलाभाटा मैदान में एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन के दौरान समुदाय की ओर से पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए रैली निकाली गई, लेकिन पुलिस ने कलेक्ट्रेट मार्ग पर बैरिकेटिंग कर रैली को रोक दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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कब्र से शव निकालने पर नाराजगी

जामगांव में धर्मांतरण के बाद हुई मौत के बाद जब मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हुआ, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। ग्रामीणों द्वारा कब्र खोदकर शव निकालने की घटना ने पूरे राज्य में ईसाई समुदाय के बीच गंभीर नाराजगी पैदा कर दी है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार का सीधा उल्लंघन है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

चर्च में तोड़फोड़ और धमकियों का आरोप

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रार्थना सभा में बाधा, चर्च में तोड़फोड़ और पीड़ित परिवार को धमकाने जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिससे समुदाय के लोगों में असुरक्षा का माहौल बन गया है। इस घटनाक्रम ने न केवल धार्मिक सहिष्णुता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी चुनौती दी है।

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दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी पर भी विरोध

प्रदर्शनकारियों ने दुर्ग जिले में दो ननों की गिरफ्तारी को भी अनुचित बताया और उसे तुरंत रिहा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि धर्म विशेष के खिलाफ लक्षित कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रशासन अलर्ट मोड में,भारी पुलिस बल तैनात

स्थिति को देखते हुए कांकेर प्रशासन सतर्क हो गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर, रैली मार्ग और मुख्य चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन संवेदनशीलता को देखते हुए पूरी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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पांच सूत्रीय मांगें क्या हैं?

ईसाई समुदाय द्वारा रखी गई प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  • जामगांव में कब्र से शव निकालने की उच्चस्तरीय जांच हो
  • चर्च में तोड़फोड़ और प्रार्थनासभा में बाधा पहुंचाने वालों पर कार्रवाई
  • पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय मिले
  • दुर्ग में गिरफ्तार की गई नन को रिहा किया जाए
  • समुदाय के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

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 जामगांव धर्मांतरण विवाद दुर्ग ननों की गिरफ्तारी

  • जामगांव घटना के विरोध में प्रदर्शन
    धर्मांतरण के बाद कब्र से शव निकालने की घटना के खिलाफ कांकेर में ईसाई समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया।

  • मेलाभाटा मैदान में जुटे हजारों लोग
    हजारों की संख्या में लोग मेलाभाटा मैदान में एकत्र हुए और सभा के बाद कलेक्टर को ज्ञापन देने निकले।

  • चर्च में तोड़फोड़ और धमकी का आरोप
    प्रदर्शनकारियों ने जामगांव में चर्च को नुकसान पहुंचाने और पीड़ित परिवार को धमकाने का आरोप लगाया।

  • पांच सूत्रीय मांगों के साथ कलेक्ट्रेट मार्च
    समुदाय ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों के समर्थन में रैली निकाली और कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया।

  • पुलिस बल तैनात, बैरिकेडिंग कर प्रदर्शन रोका गया
    किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने कलेक्ट्रेट मार्ग पर बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।

ईसाई समाज का विरोध प्रदर्शन कांकेर धर्मांतरण विवाद

इस घटना ने धार्मिक आज़ादी, सामाजिक समरसता और संवैधानिक अधिकारों को लेकर एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है। प्रशासन पर अब जिम्मेदारी है कि वह स्थिति को शांतिपूर्वक संभालते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

FAQ

कांकेर में ईसाई समुदाय ने विरोध प्रदर्शन क्यों किया?
कांकेर में ईसाई समुदाय ने जामगांव में कब्र से शव निकालने, चर्च में तोड़फोड़ और पीड़ित परिवार को धमकाने की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन किया।
क्या कांकेर में ईसाई समुदाय की मांगों पर कोई कार्रवाई हुई है?
प्रदर्शनकारियों ने पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है, जिसमें उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है। फिलहाल प्रशासन की ओर से जांच प्रक्रिया की तैयारी की जा रही है।
जामगांव कब्र विवाद क्या है?
जामगांव में धर्मांतरण के बाद एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, जिसके बाद कब्र से शव निकालने की घटना हुई। इससे सांप्रदायिक तनाव और विवाद की स्थिति बनी।

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