बिजली विभाग की भैंसगाड़ी व्यवस्था बनी ग्रामीणों के लिए सिरदर्द,महीनेभर से अंधेरे में जी रहे लोग

कवर्धा जिले के तमरूवा गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद बिजली विभाग ने भैंसगाड़ी से ट्रांसफार्मर पहुंचाने की कोशिश की, जो दो बार फेल रही। ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के तमरूवा गांव में बिजली व्यवस्था की बदहाल स्थिति ने ग्रामीणों को महीनेभर से अंधेरे में जीने पर मजबूर कर दिया है। बिजली विभाग की लापरवाही और बदइंतजामी ने हालात को इतना बिगाड़ दिया कि ट्रांसफार्मर पोल तक पहुंचाने के लिए भैंसगाड़ी का सहारा लिया गया। यह विचित्र नजारा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने पूरे बिजली विभाग को कटघरे में ला खड़ा किया है।

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एक नहीं दो बार भेजे गए खराब ट्रांसफार्मर

तमरूवा गांव में एक महीने पहले ट्रांसफार्मर खराब हो गया था, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने बिजली विभाग को तत्काल दी थी। लंबे इंतजार के बाद विभाग की टीम गांव तो पहुंची, लेकिन जो ट्रांसफार्मर भैंसगाड़ी में लादकर खेतों के रास्ते लाया गया, वह खराब निकला। दूसरी बार भी ऐसा ही हुआ — ट्रांसफार्मर बदलने के बाद भी वह काम नहीं कर सका।

फसलों को हुआ नुकसान, ग्रामीणों में नाराजगी

भैंसगाड़ी के माध्यम से ट्रांसफार्मर ले जाने के चलते खेतों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा। इससे नाराज ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि विभाग की अनदेखी के कारण उन्हें बिजली के साथ-साथ अपनी फसलों का भी नुकसान झेलना पड़ा है।

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जीवन अस्त-व्यस्त,आंदोलन की चेतावनी

बिजली बंद होने से गांव में जनजीवन ठप हो गया है। बच्चों की पढ़ाई, मोबाइल चार्जिंग, सिंचाई और दैनिक कार्य बाधित हो चुके हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

विभाग की सफाई: 'हिलने-डुलने से खराब हुआ ट्रांसफार्मर'

बिजली विभाग के सहायक अभियंता संदीप कुमार सोनी ने कहा कि ट्रांसफार्मर खेत में लगा है और हिलने-डुलने के कारण खराब हो गया होगा। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टिंग के दौरान भी तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है, हालांकि सभी ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग होती है और रिपोर्ट बनाई जाती है।

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भैंसगाड़ी से ट्रांसफार्मर ढुलाई:
बिजली विभाग ने ट्रांसफारmer खेतों तक पहुंचाने के लिए भैंसगाड़ी का इस्तेमाल किया, जिससे ग्रामीणों को तकनीकी लापरवाही का सामना करना पड़ा।

दो बार ट्रांसफार्मर फेल:
विभाग ने दो बार नया ट्रांसफार्मर भेजा, लेकिन दोनों ही बार खराब निकले, जिससे बिजली बहाली संभव नहीं हो सकी।

ग्रामीणों में आक्रोश:
एक महीने से बिजली न होने के कारण ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, और उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है।

खड़ी फसल को नुकसान:
भैंसगाड़ी से ट्रांसफार्मर लाने के दौरान खेतों से गुजरने पर किसानों की खड़ी फसल को नुकसान हुआ।

अधिकारी का तर्क:
सहायक अभियंता ने खराब ट्रांसफार्मर की वजह ‘हिलने-डुलने’ को बताया और कहा कि गारंटी पीरियड में होने के कारण उसकी जांच नहीं हो सकती।

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यह घटना न सिर्फ विभागीय लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीणों की रोजमर्रा की जरूरतों पर पड़ रहे प्रभाव को भी दिखाती है। आने वाले दिनों में यदि सुधार नहीं हुआ, तो यह मामला और तूल पकड़ सकता है।

FAQ

तमरूवा गांव में बिजली कब से बंद है?
➤ गांव में पिछले एक महीने से बिजली व्यवस्था ठप है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है।
बिजली विभाग ने ट्रांसफार्मर क्यों भैंसगाड़ी से पहुंचाया?
➤ भारी बारिश और खराब सड़क के चलते बिजली विभाग ने ट्रांसफार्मर को खेतों के रास्ते भैंसगाड़ी से ले जाने का प्रयास किया।
तमरूवा के ग्रामीणों ने बिजली समस्या को लेकर क्या कदम उठाए?
➤ तमरूवा के ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है और विभाग से जल्द समाधान की मांग की है।

 

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