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छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 17 जुलाई 2025 को भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक के लागू होने से प्रदेश में जमीन से संबंधित विवादों में कमी आएगी और अवैध प्लाटिंग पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके साथ ही, नक्शों के बटांकन की प्रक्रिया को सरल बनाने और जमीन मालिक की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों के लिए नामांतरण को आसान करने का प्रावधान भी इस विधेयक में शामिल है।
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विधेयक की प्रमुख विशेषताएं
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधेयक को सदन में पेश करते हुए कहा कि यह संशोधन प्रदेश की भूमि प्रबंधन प्रणाली को और पारदर्शी व जनहितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि नक्शों के बटांकन में पहले जटिल प्रक्रियाओं के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नए प्रावधानों के लागू होने से यह प्रक्रिया अब तेज और सरल होगी। साथ ही, मृत्यु के बाद संपत्ति के नामांतरण में देरी और कागजी कार्रवाइयों की समस्याओं को भी कम किया जाएगा। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे भूमि मालिकों को लाभ होगा।
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अवैध प्लाटिंग पर सख्ती
विधेयक में अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं। राजस्व मंत्री ने बताया कि अवैध रूप से जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर बेचने की प्रवृत्ति पर अब प्रभावी नियंत्रण होगा। इससे न केवल सरकारी जमीनों का दुरुपयोग रुकेगा, बल्कि खरीददारों को भी धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा।
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और किन विधेयकों को मिली मंजूरी?
भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के अलावा, सदन ने छत्तीसगढ़ बकाया कर, व्याज व शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक और जांजगीर-चांपा जिले में नए विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित विधेयक को भी ध्वनिमत से पारित किया। इन विधेयकों के माध्यम से सरकार का लक्ष्य कर प्रणाली को और सरल बनाना तथा शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करना है।
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मंडी संशोधन विधेयक पर विपक्ष का हंगामा और बहिष्कार
हालांकि, मंडी संशोधन विधेयक को लेकर सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए सदन से बहिष्कार कर लिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधेयक को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का ही एक रूप है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून किसानों के शोषण को बढ़ावा देगा और उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचाएगा। विपक्ष के इस कदम से सदन में तनाव का माहौल रहा, लेकिन सरकार ने विधेयक को आगे बढ़ाया।
प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण कदम
भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 के पारित होने से छत्तीसगढ़ में भूमि प्रबंधन और प्रशासन में सुधार की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाएगा, बल्कि अवैध गतिविधियों पर रोक लगाकर पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा। साथ ही, नए विश्वविद्यालय की स्थापना से जांजगीर-चांपा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।हालांकि, मंडी संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच मतभेद भविष्य में राजनीतिक चर्चा का विषय बन सकते हैं। इस विधेयक के प्रभावों पर किसानों और अन्य हितधारकों की नजर बनी रहेगी।
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