पंचायत चुनाव होने वाला है। प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा है और पार्टियां अपनी। आचार संहिता लगे इससे पहले दुर्ग जिले के 381 गांव के 90 हजार से ज्यादा लोगों को स्वामित्व योजना का लाभ दिया जाएगा। गांव में जो लोग प्रचलित आबादी भूमि में बस गए हैं, उन लोगों को अब शासन प्रापर्टी कार्ड देगा। मतलब उन्हें उस आबादी भूमि का पूरा मालिकाना हक मिल जाएगा। इसके लिए प्रदेश में सबसे पहले पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ड्रोन सर्वे की शुरुआत दुर्ग जिले के गांवों से की गई।
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प्रधानमंत्री मोदी करेंगे योजना की शुरुआत
पिछले तीन से साल से इस योजना को लेकर काम चल रहा है। शासन की तकनीकी टीम ने गांव-गांव जाकर ड्रोन से प्रचलित आबादी भूमि का सर्वे और नक्शा खसरा तैयार किया गया है। स्वामित्व योजना का लाभ देने के लिए 18 जनवरी को सुबह 11 बजे बीआईटी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होंगे और लोगों को योजना का लाभ देने की शुरुआत करेंगे।
इसके बाद राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा हितग्राहियों को प्रॉपर्टी कार्ड बाटेंगे। पहले चरण में जिले के 40 गांव के 10325 लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड बटि जाएंगे। 341 गांव के करीब 80 हजार लोगों का रिकॉर्ड अभी पूरी तरह से बन नहीं पाया है। एक-एक गांव के एक-एक व्यक्ति का अधिकार अभिलेख बनाया जा रहा है। इसके बाद उसे ऑनलाइन राजस्व रिकार्ड में चढ़ाएंगे। उसके बाद उन्हें लाभ मिलेगा।
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स्वामित्व योजना से यह होंगे लाभ
- लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। अब वे जमीन व मकान की खरीदी-बिक्री कर सकेंगे।
2. लोगों को पट्टे की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
3. इनके जमीन का रिकार्ड ऑनलाइन होगा। जैसे बी-1 खसरा निकालते हैं, वैसा ऑनलाइन निकाल सकेंगे।
4. डेन सर्वे से रिकॉर्ड बनाने में शुद्धता आएगी।
5. जमीन के दस्तावेज और सर्टिफिकेट के आधार पर बैंक से लोन ले सकेंगे।
6. ठम्पत्ति की खरीदी एवं बिक्री का हस्तांतरण में सुविधा होगी।
7. आबादी भूमि का नक्शा खसरा तैयार होने से सम्पत्ति विवाद कम होंगे।
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जानिए योजना का उद्देश्य क्या है?
1. ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण व संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना।
2. जागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने केलिए वित्तीय संपत्ति के रूप में अपनी संपत्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाना।
3. संपतिकर का निर्धारण, जो सीधे ग्राम पंचायतों को प्राप्त होगा। इससे राज्य के कोष में वृद्धि होगी।
4. सर्वेक्षण बुनियादी ढांचे और जीआईएस मानचित्र बनाना ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी सरकारी विभाग इसका उपयोग कर सके।
5. जीआईएस मानचित्रों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सहायक हो।
जानिए क्या है छत्तीसगढ़ शासन की स्वामित्व योजना
गांव की आबादी भूमि में सालों से रह रहे लोगों को पट्टा न देकर स्वामित्व का अधिकार देने योजना शुरू की गई है। इसके लिए सभी को अधिकार अभिलेख दिया जाएगा। योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ के दुर्ग, कबीरधाम एवं कोरबा से हुई। भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय नई दिल्ली ने ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर निवासरत संपत्ति मालिकों को ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर नक्शा, खसरा, रकबा बनाया जाएगा। ऑनलाइन में भी हितग्राहियों के नाम से जमीन का रिकार्ड रहेगा।
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