छत्तीसगढ़ में EOW और ACB की ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई, एक साथ तीन जिलों में चल रही जांच

रायपुर और छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में शराब और कोयला घोटाले की जांच में EOW और ACB की रेड जारी है। 2019 से चल रहे सिंडिकेट के बारे में जांच रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ में इन दिनों शराब और कोयला घोटाले को लेकर जांच तेज हो गई है। राज्य में ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) और EOW (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। विशेष रूप से रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिलों में इन घोटालों से जुड़े कई ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं।

इन ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के कारण शराब और कोयला घोटाले से जुड़े लोगों में जहां हड़कंप की स्थिति है, वहीं छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। दोनों एजेंसियों की कार्रवाइयों और जांच के बाद प्रदेश के कई अन्य सफेदपोश लोगों का इन घोटालों में नाम आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

शराब घोटाले में तीन जिलों में EOW की छापेमारी

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच तेज हो गई है, जिसमें EOW की टीम ने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में छापेमारी की। हाल ही में रायपुर में शराब कारोबारी अवधेश यादव के घर पर दस्तावेजों की जांच चल रही है। अवधेश यादव का नाम शराब सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है।

EOW की टीम को यह जानकारी मिली थी कि इस सिंडिकेट के जरिए राज्य सरकार को भारी नुकसान हुआ है। यह घोटाला खासतौर पर सरकारी शराब दुकानों के संचालन, डिस्टलरी से शराब की अतिरिक्त आपूर्ति, विदेशी ब्रांड की अवैध आपूर्ति और डुप्लीकेट होलोग्राम के माध्यम से शराब बेचने के आरोप में सामने आया है।

EOW की टीम ने रायपुर के देवनगरी इलाके स्थित शराब कारोबारी के घर पर दबिश दी। यहां कारोबारी के दस्तावेज़ों की जांच की जा रही है। इसके अलावा, बिलासपुर और दुर्ग में भी अलग-अलग ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। EOW का कहना है कि यह छापेमारी शराब के अवैध व्यापार और वित्तीय अपराधों को लेकर की जा रही है, जो राज्य के विकास को प्रभावित कर रही है। 

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क्या है शराब घोटाला?

शराब घोटाला एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें राज्य के सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। EOW (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) द्वारा की गई छापेमारी से यह बात सामने आई है कि शराब के कारोबार में फर्जी बिलों और बढ़े हुए बिलों के माध्यम से अनधिकृत भुगतान और कमीशन की प्रक्रिया चल रही थी। जांच में इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि कई उच्च अधिकारियों और व्यापारियों का इसमें हाथ हो सकता है।  

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रहा है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है, जिसमें 2000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की बात कही गई है। EOW और ACB द्वारा की गई जांच में यह सामने आया है कि इस घोटाले का संचालन पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर द्वारा किया गया था।

निरंजन दास की गिरफ्तारी

शराब घोटाले के मामले में हाल ही में रिटायर्ड IAS अधिकारी निरंजन दास की गिरफ्तारी हुई। निरंजन दास पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और अन्य के साथ मिलकर एक सिंडिकेट का संचालन किया था, जो सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करने, अतिरिक्त शराब बनाने, और विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई करने का काम करता था।

छत्तीसगढ में ACB और EOW की छापेमार कार्रवाई को ऐसे समझें 

शराब और कोयला घोटाले की जांच: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले के मामलों में छापेमारी की, रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में अधिकारियों ने दबिश दी।

रायपुर में कारोबारी के घर पर रेड: EOW की टीम ने रायपुर के शिव विहार कॉलोनी में शराब कारोबारी अवधेश यादव के घर दस्तावेजों की जांच की, उनका नाम शराब सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है।

निरंजन दास की गिरफ्तारी: शराब घोटाले में रिटायर्ड IAS अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार किया गया, उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब सिंडिकेट का संचालन किया, जिसमें हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे।

ED द्वारा शराब घोटाले की FIR: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले के मामले में ACB में FIR दर्ज कराई, जिसमें 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का आरोप है।

2019 में हुआ था शराब सिंडिकेट का गठन: कारोबारी अनवर ढेबर ने 2019 में छत्तीसगढ़ के डिस्टलरी मालिकों से मिलकर शराब सिंडिकेट का गठन किया, जिसका उद्देश्य सरकारी कागजों पर शराब की खपत को छुपाना और अवैध शराब आपूर्ति करना था।

कोयला घोटाला केस: ACB का कदम

कोयला घोटाले में ACB की छापेमारी

ACB की टीम ने रायपुर और अकलतरा में कोयला घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की है। यह घोटाला राज्य के कोयला खदानों से संबंधित है, जहां पर भारी मात्रा में कोयला चोरी किया गया है और सरकार को हानि पहुंचाई गई है। ACB के अधिकारियों का कहना है कि यह घोटाला बड़े पैमाने पर फैला हुआ है और इसमें कई सरकारी कर्मचारी और व्यापारियों की संलिप्तता हो सकती है।

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छापे के दौरान क्या हुआ?

ACB की टीम ने कोयला घोटाले से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को जब्त किया है। इन दस्तावेजों की जांच के बाद कई नए सुराग सामने आने की संभावना है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है।

भिलाई में छापा सुधाकर राव के घर दबिश

दो दिन पहले, ED (एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ने भिलाई के हुडको और तालपुरी क्षेत्र में स्थित राइस मिलर सुधाकर राव के घर पर छापा मारा था। इस छापेमारी के दौरान ED की टीम ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की, जिसमें फर्जी बिल और अवैध भुगतान के बारे में जानकारी मिली है। सुधाकर राव पर आरोप है कि उसने कोयला घोटाले और शराब घोटाले में संलिप्तता दिखाई है।

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