Chhattisgarh Liquor Scandal Kawasi Lakhma Bhupesh Baghel Role : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में ईडी की ओर से आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद इसमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भी लपेटे में आने की बात सामने आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में ईडी सूत्रों के हवाले से इस संबंध में बड़ा दावा किया जा रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि ईडी ने कवासी लखमा को जिस नोटशीट के आधार पर गिरफ्तार किया है, उस पर तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के भी साइन हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ईडी ने शराब घोटाले में भूपेश बघेल के रोल की कड़ियां जोड़ना शुरू कर दिया है।
2 करोड़ हर महीने कमीशन लेते थे लखमा, 2 साल में 2161 करोड़ का शराब घोटाला
भूपेश बघेल सरकार के समय का घोटाला
ED की जांच के अनुसार तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया गया था। इस मामले की जांच ACB भी कर रही है। इसकी जांच के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
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लखमा ने कांग्रेस भवन बनवाया
ईडी के वकील का दावा है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले के हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि 2 साल तक कार्रवाई चली, जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। ये राशि सुकमा में बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगी है।
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आबकारी विभाग के अफसर भी शामिल
शराब घोटाले के इस कांड में आबकारी विभाग के कई बड़े अफसर भी शामिल थे। यही अफसर पैसे का अरेंजमेंट करते थे। अफसर ये पैसे पूर्व मंत्री लखमा तक पहुंचाते थे। आबकारी विभाग में काम करने वाले ऑफिसर इकबाल खान, जयंत देवांगन ने बताया कि वे पैसों का अरेंजमेंट कर उनको भेजते थे। कन्हैया लाल कुर्रे के जरिए पैसों के बैग कलेक्ट किए जाते थे। कवासी ने खुद अपने बयान में यह एडमिट किया है कि अरुण पति त्रिपाठी साइन करवाता था।
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