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Loan fraud in the name of government teachers : सरकारी शिक्षकों ने लालच में आकर करोड़ों का लोन अपने नाम पर ले लिया। हालत यह हो गई है कि मूल चुकाना तो दूर कई शिक्षकों को तो हर मार ब्याज की राशि भरने में ही दिन में तारे नजर आने लगे हैं। पूरा मामला छत्तीसगढ़ के राजगढ़ जिले का है।
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सरकारी शिक्षकों को इस तरह फंसाया गया
साल 2021 में अंबिकापुर के रहने वाले सुनील तिग्गा और सिरिल केरकेट्टा लैलूंगा के कटंगपारा में रहने वाले सत्यनारायण सिदार के पास पहुंचे। सत्यनारायण सिदार लैलूंगा के स्कूल में शिक्षक हैं। उनका सुनील तिग्गा से पुरानी संपर्क था। सुनील ने उन्हें ड्रीम अल्फा कंपनी के डायरेक्टर इलियाजर कुमार बारे में बताया तथा कंपनी की स्कीम को लेकर झांसे में ले लिया।
सत्यनारायण सिदार 50 परसेंट की लालच में आ गए। उन्होंने तीन अलग-अलग बैंकों से 14 लाख 80 हजार रुपए का लोन अपनी नौकरी के पेपर पर ले लिया। इसके बाद तय परसेंट के हिसाब से पैसे बांट लिए गए। उन्होंने यह बात अपने साथी शिक्षकों को भी बताई। इस पर टीचर्स को भी बताया।
इसके बाद मधुबाला एक्का, युदिष्टिर गुप्ता, रेशमा लकड़ा, ग्लोरिया एक्का, सविता जांगड़े, सिरिल केरकेट्टा, महेत्तर प्रसाद चौहान ने भी अपनी नौकरी के पेपर्स के आधार पर लोन निकलवा लिया। सभी को कंपनी के परसेंट के हिसाब से पैसे मिल गए। इस सभी ने अपने नाम पर 2 करोड़ 10 लाख 84 हजार रुपए का लोन निकाला था। कंपनी ने अक्टूबर 2022 में किश्त जमा करने के बाद बंद कर दिया।
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ब्याज और मूल लोन से परेशान शिक्षक पहुंचे थाना
एक साल से कंपनी ने न तो किश्त जमा की और न ही ब्याज। बढ़ते ब्याज से परेशान सभी शिक्षकों ने कपंनी के डायरेक्टर अंबिकापुर निवासी इलियाजर से संपर्क किया, लेकिन उससे बात नहीं हो सकी, तब जाकर इनकी समझ में आया कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। इन सभी ने लैलूंगा थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार धोखाधड़ी में कंपनी डायरेक्टर इलियाजर कुमार, अनीता बेक, बुधेश्वर कुजूर, सुनील कुमार तिग्गा, श्याम सुन्दर जांगडे़, संजय राम, चंदन टोप्पो शामिल हैं।