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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में महिलाओं के लिए शिकायत समिति बनाने के आदेश दिए हैं। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिए गए हैं। सरकार ने राजधानी रायपुर के ढाई हजार से अधिक संस्थानों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
समिति का गठन नहीं तो 50 हजार जुर्माना
सरकार ने ऐसे संस्थानों को नोटिस दिया है जहाँ दस या अधिक महिलाएं काम करती हैं। इन वर्क प्लेस पर महिला शिकायत समिति बनाना जरूरी किया गया है।
यह समिति महिलाओं की शिकायत सुनने व उन्हें हल करने का काम करेगी। समिति में एक सीनियर महिला कर्मचारी अध्यक्ष होगी, साथ में चार अन्य सदस्य बनाए जाएंगे।
ऐसी समिति नहीं बनाने पर उस कॉर्पोरेट या वर्क प्लेस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस समिति के नंबर सभी महिला कर्मचारियों को दिए जाएंगे, जिससे वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें।
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12 अगस्त को जारी हुआ था आदेश
महिला शिकायत समिति का आदेश 12 अगस्त को जारी हुआ था। इस आदेश के बाद भी छत्तीसगढ़ की अधिकांश संस्थाओं ने ऐसी समिति नहीं बनाई। अब सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब तक प्रदेश में 2700 संस्थानों ने ऐसी समिति बनाई है। प्रदेश के कई बड़े जिलों में इस आदेश पर अमल नहीं हुआ है। अकेले रायपुर में ही सरकार ने 2500 संस्थाओं को नोटिस दिए हैं।
महिला सुरक्षा पर सरकार की कार्रवाई को ऐसे समझेंसमितियों का गठन जरूरी: छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी सरकारी और निजी संस्थानों में महिला शिकायत समितियों का गठन अनिवार्य कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई: यह पहल सुप्रीम कोर्ट के 12 अगस्त के आदेश पर दिया गया है। जुर्माना और सार्वजनिक सूचना: अगर संस्थान ने महिला शिकायत समिति का गठन नहीं किया, तो उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सुरक्षित माहौल देना उद्देश्य: इस कदम का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देना है। आगे की योजना: राज्य सरकार ने अगले कुछ महीनों में सभी संस्थानों में महिला शिकायत समितियों के गठन को पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य रखा है। |
कलेक्टर करेंगे मॉनिटरिंग
राज्य सरकार अब हर संस्थान में इन समितियों का गठन करना चाहती है। हर ज़िले के कलेक्टर को ज़िले की सभी संस्थाओं में यह समिति बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है। कलेक्टर इस बात की भी मॉनिटरिंग करेंगे कि ये समितियां ठीक से काम करें। इस पूरी योजना का मकसद महिलाओं को वर्क प्लेस (कार्यस्थल) पर सुरक्षित माहौल देना है।
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इन संस्थानों में समिति अनिवार्य
प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी ऑफिसों के साथ ही प्राइवेट संस्थाओं के लिए यह नियम लागू किया है। इसके साथ ही सभी प्रकार की दुकानें, मॉल, स्कूल, निजी अस्पताल, होटल, रेस्टोरेंट और फैक्ट्रियां भी इस नियम के दायरे में आती हैं।