छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने 2021 में मुख्यमंत्री मितान योजना ( Mukhyamantri Mitan Yojana ) लाई थी। इस योजना का लक्ष्य था कि शासकीय सेवाओं का लाभ उठाने और सरकारी दस्तावेज बनवाने आम लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्हें यह सेवाएं अपने घर पर ही मिला करती थी। कांग्रेस सरकार में इस योजना ने अच्छी गति पकड़ ली थी।
अब मुख्यमंत्री मितान योजना ने छत्तीसगढ़ में दम तोड़ दिया है। 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आई। सरकार बदलते ही इस योजना के अंतर्गत होने वाले कामों में लगातार गिरावट आई।
टोल फ्री नंबर पर रिस्पांस नहीं
छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री मितान योजना के अंतर्गत 2023 तक लोगों के घरों से दस्तावेज लाकर 2.25 लाख से ज्यादा प्रमाण पत्र बना दिए गए थे। सरकार बदलने के बाद अब तक ऐसे 1 हजार प्रमाण पत्र भी नहीं बने हैं।
इस योजना का लाभ उठाने आम लोगों के लिए टोल फ्री नंबर- 14545 जारी किया गया था। अब इसपर अक्सर कोई कॉल नहीं उठाता। सरकारी कामों को घर से ही करवाने अपॉइंटमेंट बुक कराने का सिस्टम था।
अब पहले तो अपॉइंटमेंट बुक करना मुश्किल हो गया है। अगर अपॉइंटमेंट बुक हो भी जाती है तो दस्तावेज लेने कोई घर नहीं आता।
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घरों तक ड्राइविंग लाइसेंस पहुंचने में लग रहा महीना
मुख्यमंत्री मितान योजना के अंतर्गत भूपेश सरकार के कार्यकाल में 16 लाख ड्राइविंग लाइसेंस बने थे। यह इस योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले सबसे ज्यादा दस्तावेज है। हालांकि अब यह योजना बंद होने की कगार पर है। अब लाइसेंस बन जाने के बाद भी लोगों के घरों तक आने में महीना भर लग रहा है।
पहले दस्तावेज देने कलेक्टर भी जाते थे घर
मुख्यमंत्री मितान योजना के अंतर्गत आम लोगों के प्रमाण पत्र पहुंचाने कई बारे उच्च अधिकारी जैसे कलेक्टर और कमिश्नर भी घरों तक पहुंचे हैं। हर हफ्ते अधिकारी योजना की रिपोर्ट लेते थे।
अब हालात ऐसे हैं कि कर्मचारी भी लोगों के घर नहीं पहुंच रहे हैं। इस योजना में लगी कंपनी ने अपने कर्मचारी भी कम कर दिए हैं। कंपनी ने सरकार पर समय पर फंड न देने के आरोप लगाए हैं। इस कारण वे अपने स्टाफ को समय पर सैलरी नहीं दे पा रहे।
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मुख्यमंत्री मितान योजना क्या है ?
मुख्यमंत्री मितान योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक योजना है जिसका लक्ष्य आम लोगों को सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर काटने से बचाना था। इस योजना से कई प्रकार के दस्तावेज बनवाने कर्मचारी खुद लोगों के घर पहुंचते थे।
इस योजना के अंतर्गत जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी, विवाह पंजीयन, जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड में सुधार, आधार कार्ड में अपडेशन जैसे कई काम घर बैठे हो जाते थे। कर्मचारी घर आकर प्रमाण पत्र बनाने दस्तावेज ले जाया करते थे। प्रमाण पत्र भी घर में ही मिल जाया करता था।
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