बैंक FD से ज्यादा ब्याज देगा नगर निगम, इन्वेस्टमेंट करना बेहद आसान
नगर निगम अब बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) से ज्यादा ब्याज देगी। निगम के इस प्रोजेक्ट से 8-9% तक ब्याज मिलेगा। इसके लिए नगर निगम कमिश्नर ने मुंबई और इंदौर की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के साथ बैठक की।
नगर निगम अब बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) से ज्यादा ब्याज देगी। निगम के इस प्रोजेक्ट से 8-9% तक ब्याज मिलेगा। इसके लिए नगर निगम कमिश्नर ने मुंबई और इंदौर की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के साथ बैठक की। दरअसल, रायपुर नगर निगम ने ग्रीन बॉन्ड जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। जनवरी 2025 के आखिरी सप्ताह में इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।
नए प्रोजेक्ट पर इन्वेस्ट होंगे फंड
इसके लिए रायपुर नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा ने मुंबई और इंदौर की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के साथ बैठक की। प्रोजेक्ट को लेकर निगम कमिश्नर ने बड़ी जानकारी दी है। अविनाश मिश्रा ने बताया कि, शुरुआती दिनों में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसे प्रोजेक्ट से साथ करीब 150 से 200 करोड़ रुपए का म्यूनिसिपल ग्रीन बॉन्ड जारी किया जाएगा। बॉन्ड से निगम को एक बड़ा फंड मिलेगा। इन पैसों को आम लोगों से जुड़ी जरूरत पूरा करने के साथ निगम के नए प्रोजेक्ट पर लगाया जाएगा।
रायपुर निगम 200 करोड़ के नान कन्वर्टिबल डिबेंचर्स के रूप में म्यूनिसिपल बॉन्ड और ग्रीन बॉन्ड भी जारी करेगा। ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल रायपुर में ई-बसें चलाने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए किया जाएगा।
वहीं, म्यूनिसिपल बॉन्ड के तहत पब्लिक से आने वाली राशि से निर्माण कार्य किया जाएगा। जयस्तंभ चौक के पास पुराना नगर निगम कार्यालय की जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, भैंसथान स्थित निगम की जमीन पर व्यावसायिक परिसर, लाखेनगर में हिन्द स्पोर्टिग मैदान में स्पोर्ट्स और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना है।
भारत में निवेश के कई तरीके हैं। बॉन्ड इन्हीं में से एक है। बॉन्ड को एक ऋण साधन के तौर पर देखा जाता है। इसे जारी करने वाली कंपनी या संस्था एक तरीके से निवेशकों से बॉन्ड के बदले पैसे उधार लेती है। इसके बाद मूल राशि का ब्याज निवेशकों को भुगतान किया जाता है।
कोई भी बिजनेसमैन या सरकार अपने वर्तमान खर्च की जरूरतों को पूरा करने के लिए धन जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करती है। बॉन्ड को निवेश के मामले में कम जोखिम वाला सुरक्षित साधन माना जाता है। ये ऑनलाइन या ऑफलाइन मिलेंगे।
हर साल 18 करोड़ ब्याज देगा निगम
ग्रीन बॉन्ड से मिलने वाले पैसों को प्रोजेक्ट्स पर खर्च किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स से निगम को हर साल कम से कम 60 करोड़ रुपए जुटाने होंगे। प्रोजेक्ट पूरे होने और उससे आय मिलने में देरी होने पर नगर निगम के लिए बॉन्ड पर ब्याज देने का भार बढ़ जाएगा।
जानकारों का कहना है कि 200 करोड़ के बॉन्ड पर नगर निगम को हर साल न्यूनतम 8.5 से 9 प्रतिशत ब्याज ऑफर करना होगा, क्योंकि निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलने पर ही वे बांड खरीदेंगे। 200 करोड़ पर 9 प्रतिशत ब्याज यानी हर साल 18 करोड़ ब्याज की व्यवस्था करनी होगी।
यदि निगम बॉन्ड को पांच साल के लिए जारी करता है, तो पांच साल बाद 200 करोड़ जुटाने के लिए हर साल 40 करोड़ रुपए रिजर्व करने होंगे। इस तरह निगम को प्रोजेक्ट्स से कम से कम हर साल 58 करोड़ रुपए जुटाने होंगे। बता दें कि निगम के इस बांड पर इन्वेस्ट करने वाले इच्छुक ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों माध्यम से कर सकते हैं।