राजधानी रायपुर के इन मेडिकल स्टोर्स पर बेची जा रही थीं नशीली दवाइयां
रायपुर जिले में 6 महीने में 52 मेडिकल स्टोर्स को नोटिस जारी किया गया, जिनमें 33 मेडिकल संचालकों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। इसके साथ ही पांच मेडिकल स्टोर के लाइसें निरस्त किए गए हैं।
Narcotic drugs are being sold at medical stores in the capital Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेडिकल स्टोर्स पर नशीली दवाइयां बेचे जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पुलिस और प्रशासन को लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। शिकायतों में बताया जा रहा था कि राजधानी के अधिकतर मेडिकल स्टोर्स पर नशीली दवाओं की बिक्री की जा रही है।
लगातार शिकायतें प्राप्त होने के बाद कलेक्टर-एसएसपी ने इस संबंध में ड्रग विभाग से नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद रायपुर के अलग-अलग इलाकों के 30 मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की गई। छापेमारी की कार्रवाई के लिए औषधि विभाग एवं पुलिस के करीब 50 अधिकारियों की 11 टीम बनाई गई थीं।
जिला प्रशासन और पुलिस की टीम को रायपुरा स्थित जय दुर्गा मेडिकल स्टोर्स पर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना नारकोटिक्स दवाएं बेचते हुए मिलीं। चंगोराभाठा स्थित दिनेश मेडिकल स्टोर्स, खरोरा के श्री मेडिकल स्टोर्स व गुजरात मेडिकल स्टोर्स पर भी बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नशीली दवाइयां बेची जा रही थीं। इन मेडिकल स्टोर्स के संचालक इन दवाइयों की बिक्री को लेकर कोई भी रिकॉर्ड जांच टीम को नहीं दिखा पाए। दवाइंयों को जब्त करने के साथ ही चारों मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि औषधि विभाग की ओर से नशीली दवाओं की बिक्री के खिलाफ पिछले 6 महीने में जिले के 52 मेडिकल स्टोर्स को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया है। इनमें 33 मेडिकल संचालकों के लाइसेंस निलंबित और पांच के निरस्त किए गए। अफसरों का दावा है कि नशीली दवाओं के प्रतिबंध के लिए छापामार कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
FAQ
नशीली दवाइयां बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के क्यों नहीं बेची जानी चाहिए ?
नशीली दवाओं का उपयोग डॉक्टर के निर्देश के बिना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसका गलत इस्तेमाल लत और अन्य सामाजिक समस्याओं को जन्म दे सकता है। यह भारतीय दवा और कॉस्मेटिक अधिनियम का उल्लंघन है, जो कानूनी दंड का कारण बन सकता है।
अगर मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाओं की अवैध बिक्री हो रही हो तो क्या करें ?
इस संबंध में तुरंत स्थानीय पुलिस या औषधि विभाग को सूचना दें। हेल्पलाइन नंबर या ईमेल के माध्यम से जिला प्रशासन को शिकायत दर्ज कराएं। सबूत के रूप में स्टोर का नाम और गतिविधियों की जानकारी भी साझा करें।
नशीली दवाइयों की अवैध बिक्री रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है ?
मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी और जांच अभियान चलाए जा रहे हैं। अवैध बिक्री पर स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित या निरस्त किए जा रहे हैं। नियमित निरीक्षण के लिए औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान लागू है।