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Bastar. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और सुकमा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार, 7 नवंबर को तड़के एक साथ 12 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई प्रतिबंधित CPI (माओवादी) संगठन के सशस्त्र कैडरों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट और घात लगाकर किए गए हमले से संबंधित थी।
यह वही घटना है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था- 26 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर इलाके में नक्सलियों ने DRG जवानों से भरी एक गाड़ी को IED ब्लास्ट से उड़ा दिया था, जिसमें वाहन चालक समेत 11 जवान शहीद हो गए थे।
क्या मिला NIA को छापेमारी में?
NIA की प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, नकदी, हस्तलिखित पत्र, माओवादियों की लेवी वसूली से संबंधित रसीदें और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं। जांच एजेंसी ने बताया कि बरामद सामग्रियां CPI (माओवादी) संगठन के सक्रिय कार्यकर्ताओं से जुड़ी हुई हैं और इनसे कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। NIA ने कहा कि अब तक इस मामले में 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और दो आरोपपत्र दायर किए जा चुके हैं। एजेंसी की टीम अभी भी कई संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और IED विस्फोट में शामिल लोगों की तलाश जारी है (NIA Raid Chhattisgarh)।
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अरनपुर IED ब्लास्ट- एक खौफनाक नरसंहार की कहानी
25 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा जिले के DRG (District Reserve Guard) की छह टीमों को नक्सल ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया था। करीब 300 से ज्यादा जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे। जब जवान अरनपुर-समेली कैंप के बीच सड़क से वापस लौट रहे थे, तभी नक्सलियों ने पहले से ही सड़क पर 50 किलो से ज्यादा वजनी IED प्लांट कर रखा था। जैसे ही जवानों की गाड़ी वहां पहुंची, नक्सलियों ने रिमोट से ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना भीषण था कि वाहन के टुकड़े और जवानों के शरीर के हिस्से 60 से 70 मीटर दूर तक बिखर गए। सड़क पर करीब 7 फीट गहरा गड्ढा बन गया था।
घटना स्थल से करीब 80 मीटर लंबा तार जंगल की ओर बिछा मिला, जिससे पता चला कि ब्लास्ट की साजिश पहले से रची गई थी। इस हमले को नक्सलियों की “स्मॉल एक्शन टीम” ने अंजाम दिया था।
देशभर में गूंजा था दंतेवाड़ा का दर्द
यह हमला छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा किया गया हालिया सबसे घातक हमला था। शहीद जवानों की याद में पूरे राज्य में शोक का माहौल था, और केंद्र सरकार ने इसे “भारत की आंतरिक सुरक्षा पर हमला” बताया था। हमले के बाद मामला NIA को सौंपा गया था ताकि नक्सली नेटवर्क और उसके फंडिंग सिस्टम की तह तक जांच की जा सके।
अब तक की कार्रवाई
27 आरोपी गिरफ्तार, जिनमें स्थानीय संपर्क सूत्र भी शामिल हैं। 2 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं। कई डिजिटल डिवाइस, हथियारों के नक्शे और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अब भी कई संदिग्धों की तलाश और विदेशी फंडिंग की जांच जारी है।
NIA की रेड छत्तीसगढ़ में माओवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। एजेंसी को उम्मीद है कि बरामद डिजिटल सबूतों और दस्तावेजों से इस घातक IED ब्लास्ट की साजिश में शामिल कई और चेहरों का खुलासा होगा। फिलहाल NIA की जांच जारी है, और आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
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