नक्सलियों के खौफ से कोई नहीं लड़ता था चुनाव, अब 14 प्रत्याशी मैदान पर
दंतेवाड़ा जिले की ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां सरपंच पद के लिए इस बार 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था, 1 के नाम वापस लेने के बाद अब 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहें हैं।
महराकरका दंतेवाड़ा जिले की ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां सरपंच पद के लिए इस बार 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था, 1 के नाम वापस लेने के बाद अब 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहें हैं। जिले की यह पहली पंचायत है जहां सरपंच बनने 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
युवाओं में इस बार सरपंच बनने ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है। जिले में 20 ग्राम पंचायत निर्विरोध जरूर हुई हैं, पर इस बार नक्सल क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में भी कटि की टक्कर है। माहराकरका नक्सल प्रभवित क्षेत्र है, एक समय था यहां सरपंच के प्रत्याशी नहीं मिलते थे।
नक्सली पूर्व में यहां के सरपंच को अगवा भी कर चुके हैं, पर अब उसी गांव में सरपंच बनने उत्साह नजर आ रहा है। यहां 10 वार्ड में 629 मतदाता हैं। जिले में माहाराकरका में जहां सरपंच बनने 14 प्रत्याशी हैं तो वहीं जिले की 10 जिला पंचायत सीटों में 2 सीट ऐसी हैं जहां 7-7 प्रत्याशी मैदान में हैं।
जिले में सरपंच और वार्ड पंच तो निर्विरोध हो गए पर एक भी जनपद और जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित जिले में नहीं हो पाए। गांव की सरकार बनाने में भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर है, दंतेवाड़ा में अभी तक जिला पंचायत में कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन अभी दोनों पार्टियां जिला पंचायत की सत्ता तेजी से जुटी हुई हैं।
माहराकरका ग्राम पंचायत में इस बार सरपंच पद के लिए कितने प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं?
इस बार माहराकरका ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था, लेकिन 1 प्रत्याशी ने नाम वापस ले लिया, जिससे अब 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
पहले माहराकरका ग्राम पंचायत में सरपंच चुनाव लड़ने से लोग क्यों डरते थे?
माहराकरका नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जहां पहले नक्सली सरपंचों को अगवा कर चुके थे। इस डर से लोग चुनाव लड़ने से कतराते थे, लेकिन अब वहां के युवाओं में सरपंच बनने का उत्साह दिख रहा है।
दंतेवाड़ा जिले में जनपद और जिला पंचायत की कितनी सीटें निर्विरोध चुनी गई हैं?
दंतेवाड़ा जिले में इस बार सरपंच और वार्ड पंच निर्विरोध चुने गए हैं, लेकिन जनपद पंचायत (जपं) और जिला पंचायत (जिपं) की एक भी सीट निर्विरोध नहीं हो पाई।