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Kandhmaal/Bastar. छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य ओडिशा में सुरक्षाबलों ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। कंधमाल जिले में हुई भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 6 नक्सलियों को मार गिराया है।
इस एनकाउंटर की सबसे बड़ी कामयाबी 1 करोड़ रूपए के इनामी सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) गणेश उईके (69) का मारा जाना है। गणेश उईके लंबे समय से छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय था और बस्तर में कई बड़ी घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है।
23 टीमों का 'महा-ऑपरेशन'
सुरक्षाबलों को कंधमाल के चाकापाड़ और गंजाम जिले के राम्भा वन क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी का पुख्ता इनपुट मिला था। इसके बाद SOG की 20 टीमें, CRPF की 2 टीमें और BSF की 1 टीम (कुल 23 टीमें) को जंगल में उतारा गया।
25 दिसंबर को शुरू हुई यह मुठभेड़ कई घंटों तक चली, जिसके बाद वर्दीधारी 4 पुरुष और 2 महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए।
छत्तीसगढ़ के लिए क्यों अहम है यह एनकाउंटर?
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने इस कामयाबी को छत्तीसगढ़ के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बताया है। उईके नक्सली संगठन की 'थिंक टैंक' यानी सेंट्रल कमेटी का हिस्सा था। उसका मारा जाना छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर नक्सली नेटवर्क की कमर टूटने जैसा है।
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आईजी के मुताबिक, इस साल अब तक 11 बड़े लीडर (सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो मेंबर) मारे जा चुके हैं। इनमें बस्तर संभाग के खूंखार नक्सली जैसे बसवाराजू, के. राम चंद्र रेड्डी, और कोसा शामिल हैं।
पड़ोसी राज्यों में सक्रिय गजाला रवि, माड़वी हिड़मा और विवेक मांझी जैसे बड़े नामों के सफाए से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों (जैसे गरियाबंद, महासमुंद और बस्तर) में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगेगी।
साल का सबसे घातक प्रहार: आंकड़ों की जुबानी
छत्तीसगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षाबल इस समय 'आर-पार' की जंग लड़ रहे हैं। हालिया रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक करते हैं:
| तारीख | स्थान | परिणाम | मुख्य उपलब्धि |
| 25 दिसंबर | कंधमाल (ओडिशा) | 6 नक्सली ढेर | 1 करोड़ का इनामी गणेश उईके मारा गया |
| 3-4 दिसंबर | दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर | 18 नक्सली ढेर | DVCM वेल्ला मोडियम खत्म, LMG बरामद |
| पूरा साल 2024 | बस्तर/पड़ोसी राज्य | 11 बड़े लीडर ढेर | संगठन की टॉप लीडरशिप लगभग खत्म |
दंतेवाड़ा-बीजापुर की वो याद, जिसने बदल दी रणनीति
दिसंबर की शुरुआत में दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर हुआ 18 नक्सलियों का एनकाउंटर छत्तीसगढ़ के इतिहास के सबसे सफल ऑपरेशनों में गिना जा रहा है। हालांकि, इसमें DRG के 3 जांबाज जवान (हेड कॉन्स्टेबल मोनू वडारी, रमेश सोड़ी और कॉन्स्टेबल दुकारू गोंडे) शहीद हुए, लेकिन इस प्रहार ने नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया है।
बरामदगी और सर्च ऑपरेशन
ओडिशा पुलिस ने मौके से इंसास राइफल और 303 राइफल समेत भारी मात्रा में विस्फोटक और रोजमर्रा का सामान बरामद किया है। बस्तर और ओडिशा की पुलिस अब मिलकर सीमाई इलाकों में जॉइंट सर्च ऑपरेशन चला रही है ताकि बचे हुए नक्सली छत्तीसगढ़ की सीमा में शरण न ले सकें।
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