बागियों की घर वापसी को लेकर कांग्रेस दो फाड़ हो गई है। जोगी परिवार समेत अन्य बागियों की कांग्रेस में वापसी को लेकर एक खेमा समर्थन में है तो दूसरा खेमा विरोध पर अड़ा हुआ है। जोगी परिवार को लेकर प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट भी प्रेशर में हैं। जोगी परिवार से जुड़े सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के समय सचिन पायलट और अमित जोगी संपर्क में थे। तभी से रेणु जोगी और अमित जोगी की कांग्रेस में वापसी की तैयारी होने लगी थी। लेकिन हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में बागियों या जोगी परिवार को वापस लेने पर कोई फैसला नहीं हो सकता। सचिन पायलट पर भी इस बात का प्रेशर है कि वे वापसी का विरोध कर रहे नेताओं की बात को अनदेखी नहीं कर सकते।
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आइए हम आपको बताते हैं वे बड़े चेहरे जिनका खुलकर पार्टी में विरोध हो रहा है। इनमें सबसे पहला नाम आता है जोगी परिवार का। जोगी परिवार अपनी पार्टी JCCJ का कांग्रेस में विलय करना चाहती है। कांग्रेस में वापसी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत की पत्नी रेणु जोगी तथा उनके बेटे अमित जोगी समेत बड़े नेता ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
वापसी के लिए बनी कमेटी की पहली बैठक दिल्ली में हो चुकी है लेकिन, इनके घर वापसी से पहले ही कांग्रेस में कलह शुरू हो गया है। बता दें कि घर वापसी के लिए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के साथ पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज तथा तीनों प्रभारी सचिव के साथ कमेटी के सदस्यों को ऑनलाइन जोड़ा गया था। लेकिन बड़े नेताओं के विरोध तथा अन्य कारणों पर हुई बात के बाद अब तक किसी भी नेता को वापसी की हरी झंडी नहीं मिली है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 के समय कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया था। ऐसे नेता भी पार्टी में वापसी के लिए तैयार बैठे हैं। स्वर्गीय जोगी ने 2018 के चुनाव से पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी बनाई थी। लेकिन जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी ने पूरी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने के लिए पीसीसी चीफ को चिट्ठी लिखी है और इसके बाद जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के बयान आए थे, तभी से लग रहा था कि वापसी इतनी आसान नहीं होगी। बताया गया है कि पार्टी में वापसी के लिए 13 आवेदन आए हैं।
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पूर्व विधायक अनूप नाग भी निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं
2023 के विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ से विधायक रहे अनूप नाग ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके लिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। अनूप के कारण ही कांग्रेस को वहां हार झेलनी पड़ी थी। बताया गया है कि दिल्ली में बैठक हुई है लेकिन कमेटी के सदस्यों का कहना है कि अभी रेणु जोगी और बृहस्पति सिंह के आवेदन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। क्योंकि जनता कांग्रेस के कांग्रेस में विलय और रेणु और अमित की वापसी को लेकर पार्टी के ज्यादातर नेता खिलाफ में हैं।
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जुनेजा ने लगाए आरोप- कुकरेजा पैसे के दम पर चाहते हैं कांग्रेस वापसी, अजीत-आनंद टिकट भी खरीद लेंगे
पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने पूर्व कांग्रेस नेता आनंद कुकरेजा और उनके पुत्र पूर्व एमआसी मेंबर अजीत कुकरेजा की पार्टी में वापसी का विरोध किया है। उन्होंने पीसीसी चीफ दीपक बैज को चिट्ठी लिखकर कहा है कि आनंद और अजीत कुकरेजा 2013 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम कर चुके हैं। 2018 में भी यही तरीका उन्होंने अपनाया और 2023 में तो निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस का हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जुनेजा ने आरोप लगाया कि इसके बाद पिता-पुत्र शहर में घूम-घूमकर यह कह रहे हैं कि कांग्रेस में हम जब चाहें तब वापस आ सकते हैं।
जुनेजा ने कहा कि आखिर कौन व्यक्ति है जो उनसे पैसा लेकर उनकी पार्टी में वापसी कराना चाह रहा है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। जुनेजा ने बैज के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के साथ ही दोनों प्रभारी सचिव को भी चिट्ठी भेजी है। जुनेजा ने कहा कि एक बार किसी गलती के लिए माफी समझ भी आती है, लेकिन चारों विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया है। शहर में जब भी टिकट की बात आती है, तब कहते हैं कि हम टिकट खरीद लेंगे।
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