वन नेशन वन इलेक्शन : एक साथ चुनाव में बच सकते हैं 100 करोड़ से ज्यादा

छत्तीसगढ़ में लोकसभा- विधानसभा चुनावों को कराने में सरकार के 250 करोड़ खर्च होते हैं। यदि यहां पर यह दोनों चुनाव एक साथ करा दिए जाएं तो जनता की जेब के 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड बच जाएगा।

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Arun Tiwari
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One Nation One Election Financial Impact :  प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट वन नेशन वन इलेक्शन का बिल संसद में पेश हो गया है। आखिर देश में एक साथ चुनाव क्यों जरूरी हैं।

इस सवाल का जवाब खोजने के लिए द सूत्र ने छत्तीसगढ़ के चुनावों में होने वाले खर्च की पड़ताल की। हमने इसकी पड़ताल इसलिए की क्योंकि चुनावों पर सरकार जो खर्च करती है वो आम जनता के टैक्स का पैसा ही होता है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महज छह महीने का फासला होता है।

इन दोनों चुनावों को कराने में सरकार के 250 करोड़ खर्च होते हैं। यदि यहां पर यह दोनों चुनाव एक साथ करा दिए जाएं तो जनता की जेब के 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड बच जाएगा। आइए आपको बतातें है कि छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में एक साथ चुनाव का कितना बड़ा असर पड़ेगा। 

देश में एक साथ चुनाव की चर्चा 

इन दिनों देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सबसे बड़ी बहस छिड़ी हुई है। यह बिल संसद में भी पेश हो गया है। इस काम में पेचीदगी कितनी भी हो लेकिन एक बात साफ तौर पर दिखाई देती है कि चुनाव कराने में सरकार का जो भारी भरकम पैसा खर्च होता है उसमें बड़ी कमी आ जाएगी।

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द सूत्र ने छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य के चुनाव खर्च का आंकलन किया। वैसे भी छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में छह महीन का ही फासला होता है। छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2023 मे विधानसभा चुनाव पूरे हुए और मार्च 2024 में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। इन दोनों चुनावों को कराने में सरकार के 230 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

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अगर दोनों चुनाव साथ में होंगे तो 100 करोड़ से ज्यादा रुपए बचेंगे। हम ये बात इसलिए भी कह रहे हैं, क्योंकि यह पैसा आम आदमी के खून पसीने की कमाई से लिए गए टैक्स का पैसा है। 

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 129 करोड़ का खर्च 

छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हाल ही में हुए छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में 128 करोड़ 78 लाख 35 हजार 906 रुपए खर्च हुए। यह खर्च राज्य सरकार वहन करती है। अब इनका अलग_अलग खर्च बताते हैं। 

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छत्तीसगढ़ विधासभा चुनाव 2023 का खर्च 


कुल खर्च : 128 करोड़ 78 लाख 35 हजार 906 रुपए
वेतन- 2 करोड़ 21 लाख रुप
मानदेय - 50 करोड़
यात्रा भत्ता और दौरे पर खर्च - 97 हजार
निर्वाचन खर्च - 77 करोड़

छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव का खर्च 

छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हाल ही में छत्तीसगढ़ में हुए लोकसभा चुनाव में 101 करोड़ 65 लाख 42 हजार 23 रुपए खर्च हुए। यह खर्च केंद्र सरकार उठाती है। अब इसका भी अलग-अलग मद में हुए खर्च का ब्यौरा बताते हैं। 

छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 का खर्च  

कुल खर्च : 101 करोड़ 65 लाख 42 हजार 23 रुपए 
वेतन- 1 करोड़ 40 लाख रुपए
मानदेय - 51 करोड़
यात्रा भत्ता और दौरे पर खर्च - 63 हजार
निर्वाचन खर्च - 50 करोड़

100 करोड़ से ज्यादा की बचत 

यह तो सिर्फ एक छोटे से राज्य के खर्च का ब्यौरा था। इसी आधार पर यदि देश के सभी राज्यों का खर्च निकाला जाए तो कितना बड़ा आंकड़ा सामने आएगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

राजनीतिक दल क्या कहते हैं यह अलग बात है। हम सिर्फ उस खर्च की बात कर रहे हैं जो चुनावों में होता है और जो टैक्स पेयर का पैसा होता है। यह तो सिर्फ सरकारी खर्च था। इसके बाद राजनीतिक दल, उम्मीदवार अलग से पैसा खर्च करते हैं। काला धन और शराब की बड़ी मात्रा भी इन चुनावों मे जब्त होती है। काफी हद तक इन सब खर्च में भी अंकुश लग सकेगा।

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