छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी, राज्य को मिलेगी नई विधानसभा, करोड़ों की देंगे साैगात

छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायपुर आकर राज्य के विकास के लिए नई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं, जो राज्य के लिए ऐतिहासिक होंगी।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती वर्ष का आयोजन बेहद धूमधाम से किया जाएगा। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायपुर आकर राज्य के विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे और कई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। राज्य सरकार ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि की है, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया है।

यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसके दौरान कई नई योजनाओं की शुरुआत होगी। मोदी सरकार की तरफ से इस मौके पर राज्य के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणाएं की जाएंगी, जिनमें सड़क निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा, और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। 

नए विधानसभा परिसर का करेंगे शिलान्यास 

राज्योत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवा रायपुर में बन रहे नए विधानसभा परिसर का शिलान्यास करेंगे। इस भवन को आधुनिक तकनीकी और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। राज्य की पहचान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए, यह भवन आगामी पीढ़ियों के लिए एक धरोहर साबित होगा।

छत्तीसगढ़ में नया विधानसभा भवन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस भवन के निर्माण का भूमि पूजन 28 अगस्त 2020 को हुआ था। यह भूमि पूजन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था, लेकिन भवन का निर्माण कार्य भाजपा सरकार के समय में पूरा हुआ। कांग्रेस सरकार के दौरान इस भवन का नामकरण भी किया गया था, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। 

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प्रधानमंत्री कमिश्नरेट कार्यालय का करेंगे उद्घाटन

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी रायपुर में कमिश्नरेट कार्यालय का उद्घाटन भी करेंगे। यह एक नई व्यवस्था है जिसे राज्य में लागू किया जाएगा। कमिश्नरेट सिस्टम राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को और भी मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए लाया जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू होने से पुलिस व्यवस्था में सुधार होगा और जनता को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं मिलेंगी। 

पिछले दौरे पर क्या हुआ था?

नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा पिछले साल अप्रैल 2024 में हुआ था, जब उन्होंने जांजगीर-चांपा के सक्ती और धमतरी में सभाएं की थीं। इसके बाद 24 अप्रैल 2024 को अंबिकापुर में एक और चुनावी सभा हुई थी। पीएम मोदी ने तब रायपुर के राजभवन में रात बिताई थी। छत्तीसगढ़ में उनका यह दौरा चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था।

इसके अलावा, मोदी ने 30 मार्च 2025 को बिलासपुर का भी दौरा किया था, जहां उन्होंने कई योजनाओं का उद्घाटन किया।

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राज्य स्थापना दिवस पर पीएम मोदी का दौरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर रायपुर आएंगे और रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

नया विधानसभा परिसर का शिलान्यास: पीएम मोदी नवा रायपुर में बने नए विधानसभा भवन का शिलान्यास करेंगे, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक तकनीक का संगम होगा।

कमिश्नरेट सिस्टम का उद्घाटन: राज्य में कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया जाएगा, जो पुलिस प्रशासन को बेहतर और पारदर्शी बनाएगा।

विकास कार्यों की शुरुआत: पीएम मोदी राज्य में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

पिछली बार पीएम मोदी का दौरा: नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अप्रैल में छत्तीसगढ़ का दौरा किया था, जिसमें उन्होंने विभिन्न चुनावी सभाओं में हिस्सा लिया था।

कांग्रेस और भाजपा के समन्वय से बना नया विधानसभा भवन

नए विधानसभा भवन का निर्माण छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक अनोखा पहलू प्रस्तुत करता है। जहां कांग्रेस सरकार ने भूमि पूजन कराया, वहीं भाजपा सरकार ने इसके निर्माण कार्य को पूरा किया। इस भवन का निर्माण कार्य लगभग पांच साल में पूरा हुआ है, और यह राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक इतिहास में महत्वपूर्ण रहेगा। 

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PM मोदी देंगे कई विकास कार्यों की साैगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे का मुख्य उद्देश्य राज्य में विकास कार्यों को गति देना है। रायपुर में कमिश्नरेट कार्यालय का उद्घाटन और नए विधानसभा भवन का शिलान्यास छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक और राजनीतिक धारा को नया रूप देने वाला है। राज्य सरकार ने पीएम मोदी के आगमन के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी राज्य में कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। यह योजनाएं छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और राज्य के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगी। 

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एक नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से को अलग कर एक नए राज्य का गठन किया गया था। इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया। हर साल एक नवम्बर को छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है। गठन के समय छत्तीसगढ़ में 16 जिले थे, और इसकी राजधानी रायपुर को बनाया गया। छत्तीसगढ़ का उच्च न्यायालय बिलासपुर में स्थित है।

इसलिए पड़ा ये नाम

छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर, 2000 को हुआ और यह भारत का 26वां राज्य बना। एक समय में इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे, इसीलिए इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। हालांकि गढ़ों की संख्या बढ़ने के बावजूद इसके नाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। बता दें कि छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा राज्य है जिसे 'महतारी' (माँ) का दर्जा दिया गया है। यह राज्य वैष्णव, शैव, शाक्त, और बौद्ध संस्कृतियों के विभिन्न कालों के प्रभाव में रहा है।

छत्तीसगढ़ नाम की उत्पत्ति

'छत्तीसगढ़' एक प्राचीन नाम नहीं है। इस नाम का प्रचलन 18वीं सदी के दौरान मराठा काल में शुरू हुआ। प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ 'दक्षिण कोशल' के नाम से जाना जाता था। ऐतिहासिक शिलालेख, साहित्यिक और विदेशी यात्रियों के लेखों के अनुसार, इस क्षेत्र का नाम पहले दक्षिण कोशल था। हालांकि, आधिकारिक दस्तावेज़ में 'छत्तीसगढ़' का प्रथम प्रयोग 1795 में किया गया था।

बता दें कि छत्तीसगढ़ शब्द के अस्तित्व में आने को लेकर इतिहासकारों में कोई एक मत नहीं है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि कलचुरी काल में आधिकारिक रूप से छत्तीसगढ़ 36 गढ़ों में बंटा था और ये गढ़ एक आधिकारिक इकाई थे, ना कि किले। इन्हीं '36 गढ़ों' के चलते दक्षिण कोशल का नाम 'छत्तीसगढ़' पड़ा।

राज्य के अस्तित्व में आने के समय बने थे 16 जिले

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत 1 नवंबर, 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई। छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य बना। छत्तीसगढ़ का निर्माण मध्यप्रदेश के तीन संभाग रायपुर, बिलासपुर और बस्तर के 16 जिलों, 96 तहसीलों और 146 विकासखंडों से किया गया। वहीं प्रदेश की राजधानी रायपुर को बनाया गया था और बिलासपुर में उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी।

छत्तीसगढ़ के जिले

इस राज्य की स्थापना के समय इसमें 16 जिले थे, जो वर्तमान समय में बढ़कर 33 हो गए हैं। ये सभी 33 जनपद 5 संभागों के अंतर्गत शामिल किए गए हैं। दरअसल, गठन के बाद 1 मई, 2007 को 2 नए जिलों का गठन किया गया। इसके लगभग 5 साल बाद 1 जनवरी, 2012 को इस राज्य में फिर से 9 जिले बनाए गए, जिसके बाद इनकी संख्या 27 हो गई। इसके बाद सितंबर 2022 में 5 नए जिलों का गठन किया गया, जिसके बाद इनकी कुल संख्या 33 पहुंच गई।

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