पीएससी के मेंस का पेपर एग्जाम कंट्रोलर ने साल भर दबाया, सोनवानी के भतीजे की चैट से हुआ खुलासा

छत्तीसगढ़ के हजारों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले पीएससी घोटाले की जांच अब सीबीआई के हवाले है। सीबीआई की चार्जशीट ने कई अहम राज उगले हैं। मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र करीब एक साल तक परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने दबाकर रखा था। 

author-image
Arun Tiwari
New Update
psc-scam-raipur-cbi-investigation-exposes-paper-leak-2021
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

रायपुर: छत्तीसगढ़ के हजारों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले पीएससी घोटाले की जांच अब सीबीआई के हवाले है। सीबीआई की चार्जशीट ने कई अहम राज उगले हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र करीब एक साल तक परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने दबाकर रखा था। 

सीजीपीएससी 2021 भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र को वर्ष 2020 में ही तैयार कर लिया गया था। आरोप है कि तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने इसे आयोग में जमा करने के बजाय अपने पास रख लिया। इस दौरान तमन सिंह सोनवानी के करीबी और कई प्रशासनिक अफसरों के बेटे-बेटियों ने परीक्षा दी। सीबीआई जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि इन्हीं रिश्तेदारों को पहले से उत्तर कुंजी और प्रश्नपत्र मुहैया कराए गए थे।

ये खबर भी पढ़ें... CGPSC भर्ती घोटाला: नीतेश-निशा बिना इंटरव्यू हुए सेलेक्ट,2020 में हुआ पेपर लीक... CBI जांच में बड़े खुलासे

पीएससी का सुनियोजित घोटाला :

सीजीपीएससी 2021 का भर्ती घोटाला पूरे सुनियोजित तरीके से किया गया था। पूरी प्लानिंग के साथ पेपर लीक कराया गया था। अपने बेटे बेटियों और करीबियों के बच्चों को पास कराने के लिए पेपर लीक करने की साजिश तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने एग्जाम कंट्रोलर आरती वासनिक के साथ मिलकर रची। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक पीएससी 2020 के लिए तैयार किए गए प्रश्नपत्र के एक सेट को आरती वासनिक ने पूरे एक साल तक दबाकर रखा।

इसकी सरकारी रिकॉर्ड में कोई इंट्री नहीं की गई। इसी पेपर का उपयोग 2021 के मेंस एग्जाम में किया गया। यह पेपर पहले से ही लीक हो गया था। पेपर लीक होने की जानकारी टामन सिंह के रिश्तेदारों को पहले थी। इसका खुलासा टामन सिंह के भतीजे विनीत खेबर  और उसकी पत्नी श्वेता के बीच हुई वाट्सएप चैट से हुआ। 

ये खबर भी पढ़ें... CGPSC घोटाला: CBI ने दाखिल किया 2000 पन्नों का सप्लीमेंट्री चालान, सामने आया मास्टरमाइंड का नाम

जांच में कुछ और खुलासे :

चैट के आधार पर जांच आगे बढ़ी तो कुछ और खुलासे हुए। पीएससी के तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव ने अपने बेटे सुमित ध्रुव को पेपर और मॉडल आंसर पहले ही उपलब्ध करा दिए। जिससे वह डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुआ। तलाशी के दौरान उसके घर से पेपर और उत्तरों की फोटोकॉपी मिली। सोनवानी ने अपनी बहू मीशा व दीपा को लाभ पहुंचाया।

वहीं नेहा और निखिल का चयन भी संदिग्ध माना गया। जांच में सीबीआई को सिर्फ 2021 परीक्षा ही नहीं पिछले पांच सालों में  हुई परीक्षाओं के पेपर लीक होने के सबूत मिले हैं। अआने वाले समय में इसका भी खुलासा होगा। 

ये खबर भी पढ़ें... CGPSC Scam: रिटायर्ड IAS समेत 5 गिरफ्तार,नेताओं और अधिकारियों के करीबियों का खुला राज

सोनवानी के भतीजे विनीत और उसकी पत्नी श्वेता की चैटिंग :

विनीत - मिशा डिप्टी कलेक्टर बन गई,नितेश का नहीं कर सका। 
श्वेता -अच्छा
विनीत - उसका सरनेम सोनवानी है तो बहुत बवाल होता। 
श्वेता - हां,और एक दीदी थी ना
विनीत - दीपा भाभी है, वो भी कोई अधिकारी बन गई।
श्वेता  - मेरी तरफ से भी कांग्रेजुलेशन बोलना
विनीत - मैंने खुद नहीं बोला है। 
विनीत - सुमित भैया का शायद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में करवाएंगे,किसी को बोलना मत।
श्वेता - मैं भला किसको बोलूंगी।   

ये खबर भी पढ़ें... जनमन योजना में आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला उजागर,चयन के लिए मांगे गए लाखों रुपए,जांच शुरू

भर्ती प्रक्रिया और विवाद  :

यह मामला सीजीपीएससी 2021 भर्ती परीक्षा से जुड़ा है। प्रारंभिक परीक्षा जनवरी 2022 में हुई थी, जिसमें 171 पदों के लिए 2,565 उम्मीदवार चुने गए। मुख्य परीक्षा मई 2022 में हुई, जिसमें 509 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। लेकिन जांच में पता चला कि प्रश्नपत्र पहले से ही लीक हो चुका था और इसे घर में दबाए रखा गया था। सीबीआई के अनुसार, यह घोटाला पिछले पांच वर्षों से जारी था।

टामन सिंह सोनवानी और आरती वासनिक की मिलीभगत से प्रश्नपत्र तैयार कर पहले से चुने हुए उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाया जाता था। आरती वासनिक के मोबाइल से मिले फोटो और चैट में यह पाया गया कि उन्होंने परीक्षा सामग्री को निजी रूप से संभाला था। इससे यह साफ हुआ कि उन्होंने आयोग की प्रक्रिया का उल्लंघन किया और प्रश्नपत्र सुरक्षित रखने के बजाय गलत तरीके से इस्तेमाल किया।

CGPSC Scam CGPSC घोटाला CGPSC भर्ती घोटाला टामन सिंह सोनवानी आरती वासनिक
Advertisment