नवजात के पोस्टर पर लिखा- HIV पाजिटिव मां, रायपुर अंबेडकर हॉस्पिटल प्रबंधन ने लगाई स्टाफ की क्लास

रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में HIV पॉजिटिव बच्चे की पहचान उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत कदम उठाते हुए पूरे पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों और स्टाफ को SOP की ट्रेनिंग दी।

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Harrison Masih
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Raipur. राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में HIV पॉजिटिव बच्चे की पहचान उजागर होने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन सतर्क हो गया है। इस गंभीर लापरवाही के बाद प्रबंधन ने तुरंत कदम उठाते हुए बाल एवं शिशु रोग विभाग (Pediatric Department) के सभी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल टीम के लिए एक विशेष ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य था ऐसी घटनाओं की दुबारा होने से रोकना,और चिकित्सा कर्मियों को उजागर करना ताकि किसी भी मरीज के साथ भेदभाव न हो। 

अंबेडकर हॉस्पिटल रायपुर (Dr. Ambedkar Hospital Raipur) में एक नवजात शिशु के पास एक पोस्टर लगाया गया था, जिस पर साफ लिखा था- "बच्चे की मां एचआईवी पॉजिटिव है"।

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SOP और HIV ट्रीटमेंट की गाइडलाइन पर चर्चा

ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. ओंकार खंडवाल (HOD, Pediatrics) ने नवजात, अस्वस्थ शिशुओं और बड़े बच्चों के वार्ड में उपचार की मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने HIV पॉजिटिव मरीजों के उपचार की ग्लोबल गाइडलाइन पर भी स्टाफ को प्रशिक्षित किया और संक्रमण रोकथाम के उपायों की जानकारी दी। 

डॉ. खंडवाल ने कहा कि- “हर मरीज समान है, चाहे उसका संक्रमण कुछ भी हो। उपचार के दौरान किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।”

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भेदभाव न करने के सख्त निर्देश

हाल ही में HIV संक्रमित बच्चे के पिता ने शिकायत की थी कि जब मेडिकल स्टाफ को उनके बच्चे की बीमारी का पता चला, तो कुछ कर्मचारी दूरी बनाने लगे। इसी शिकायत के बाद प्रबंधन ने यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

डॉ. खंडवाल ने इस मुद्दे पर कहा कि चिकित्सा का मूल भाव संवेदनशीलता और समानता पर आधारित है। डॉक्टरों और स्टाफ को यह समझना जरूरी है कि HIV संक्रमित मरीज किसी के लिए खतरा नहीं हैं, यदि इलाज और सावधानियां मानक प्रक्रिया के अनुसार की जाएं।

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संक्रमण रोकथाम और व्यवहार पर जोर

कार्यक्रम के दौरान संक्रमण नियंत्रण (Infection Control) और रोगी-केंद्रित देखभाल (Patient-Centered Care) पर विशेष चर्चा की गई। डॉ. खंडवाल ने कहा कि- “अस्पताल में आने वाला हर व्यक्ति सम्मान और सहानुभूति का पात्र है। इलाज के दौरान मानवीयता और सहयोग सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।”

उन्होंने स्टाफ को HIV संक्रमण से जुड़े मिथक, सुरक्षा उपाय, और उपचार के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी।

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प्रशिक्षण में पूरा स्टाफ शामिल

ओरिएंटेशन प्रोग्राम में बाल रोग विभाग के सभी डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहे। सभी को WHO और NACO (National AIDS Control Organisation) की HIV उपचार गाइडलाइन की जानकारी दी गई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह पहल आगे भी जारी रहेगी ताकि किसी भी मरीज के साथ भेदभाव या असंवेदनशील व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो।

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