CBI arrested two Central GST officers : छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई टीम ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर ( सीजीएसटी ) के दो अफसरों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। ये लोग दवा कारोबारी से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते रहे थे। सीबीआई की टीम देख आरोपियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके।
जीएसटी सेटलमेंट के नाम पर ले रहे थे रिश्वत
जानकारी के अनुसार रायपुर में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक सीबीआई की जद में आई हैं। ये दोनों ही अफसर जीएसटी की राशि में गड़बड़ी की सेटलमेंट करने के नाम पर पैसे ले रहे थे। रिश्वत की रकम में पेनल्टी से बचाए जाने की बात कही गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दवा कारोबारी राहुल वर्मा को मिंज और मलिक ने 3 लाख रुपए की पेनल्टी का डर दिखाया था। इस पेनल्टी को सेटल करने के लिए इन्होंने दवा कारोबारी से पहले 75 हजार रुपए मांगे थे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में ऐसा पहला मौका है, जब सीजीएसटी अफसरों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
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डाक विभाग के दो अफसर भी पकड़े जा चुके हैं
CBI की टीम ने डाक विभाग उप-मंडल निरीक्षक (डाक) कार्यालय के मेल ओवरसियर राजेश पटेल और उप-मंडल निरीक्षक ( एसडीआईपी ) विनीता मानिकपुरी को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी रिश्वत केस में की गई थी।
उप-मंडल निरीक्षक (डाक) कार्यालय के मेल ओवरसियर राजेश पटेल और उप-मंडल निरीक्षक (एसडीआईपी) विनीता मानिकपुरी डाक विभाग के बलौदा बाजार में पदस्थ थे। इन्होंने इसी साल अक्टूबर की 22 तारीख को देवसुंदरा पोस्ट ऑफिस का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान उन्हें शाखा पोस्ट मास्टर की ओर से कुछ गलती मिली थी। इसके बाद उन्हें MO ने 11 नवंबर 2024 को एसडीआईपी, डाक विभाग बलौदा बाजार ऑफिस में बुलाया गया था।
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यहां पर एमओ और एसडीआईपी ने शाखा पोस्ट मास्टर से कथित तौर पर पैसे की मांग की थी। उनसे मामले को निपटाने के एवज में 60 हजार रुपए तथा निरीक्षण के दौरान पाई गई गलती पर कार्रवाई न करने के बदले में 60 हजार रुपए की मांग की गई थी। इस दौरान शिकायतकर्ता के अनुरोध पर MO ने 60 हजार रुपए किश्तों में देने की अनुमति दे दी थी। इसके तहत पहली किश्त में 40 हजार रुपए तथा बाद में 20 हजार रुपए देना तय किया गया था।
एसडीआईपी ने भी MO द्वारा मांगी गई रकम का समर्थन किया था। इन दोनों ने ही शाखा पोस्ट मास्टर को आश्वासन दिया कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। सीबीआई ने शिकायत मिलने पर शनिवार 23 नवंबर 2024 को मेल ओवरसियर को शिकायतकर्ता से 37 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया था।
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