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Raipur. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने राजधानी रायपुर की पुरानी बस्ती इलाके में रहने वाले कई हिंदू परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया है। बोर्ड का दावा है कि जिन मकानों में ये परिवार रहते हैं, वह जमीन वक्फ संपत्ति है। नोटिस में परिवारों को दो दिन के भीतर कलेक्टर के सामने पेश होकर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो बोर्ड ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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दिवाली से पहले थमाया गया नोटिस, लोगों में आक्रोश
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हिंदू परिवारों को वक्फ बोर्ड का नोटिस इन परिवारों को दिवाली से ठीक एक दिन पहले थमाया गया। इससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी फैल गई है। परिवारों का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ अनुचित समय पर लिया गया, बल्कि उन्हें डराने और परेशान करने की कोशिश भी की जा रही है।
एक निवासी ने बताया — “हम यहां पिछले 60 साल से रह रहे हैं। हमारे पास 1965 और 1948 की रजिस्ट्री के दस्तावेज हैं। अगर यह जमीन वक्फ की होती तो इतने सालों में बोर्ड ने पहले क्यों नहीं बताया?”
परिवारों का दावा- हमारे पास पुराने दस्तावेज मौजूद
परिवारों ने प्रशासन को दिए अपने बयान में कहा है कि उनके पास सरकारी रजिस्ट्री दस्तावेज और टैक्स रिकॉर्ड्स मौजूद हैं। वे कई दशकों से इस जमीन पर रह रहे हैं और हर साल नगर निगम को संपत्ति कर (Property Tax) भी जमा करते आए हैं। उनका कहना है कि यह विवाद नया नहीं है, लेकिन अब वक्फ बोर्ड इसे एकतरफा तरीके से उठाने की कोशिश कर रहा है।
वक्फ बोर्ड का पक्ष- जमीन धार्मिक संपत्ति है
वहीं, Chhattisgarh Waqf Board का कहना है कि पुरानी बस्ती की यह जमीन वक्फ संपत्ति के रिकॉर्ड में दर्ज है। कई सालों से इस जमीन पर अनाधिकृत कब्जा किया गया है। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि राजस्व रिकॉर्ड और पुराने नक्शों के आधार पर यह जमीन वक्फ बोर्ड की बताई गई है। इसलिए संबंधित परिवारों को नोटिस देकर कानूनी प्रक्रिया के तहत जवाब मांगा गया है।
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अब प्रशासन के पास मामला
फिलहाल यह मामला कलेक्टर और जिला प्रशासन के समक्ष है। परिवारों को दो दिन का समय दिया गया है, जिसके बाद ही अगली कार्रवाई तय होगी। संभावना है कि प्रशासन दोनों पक्षों से दस्तावेज मंगवाकर तथ्यों की जांच करेगा और उसके बाद जमीन की मिल्कियत पर अंतिम निर्णय लेगा।
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