नेशनल हाईवे पर मवेशियों की मौत: पहली बार मवेशी मालिकों पर दर्ज हुई FIR,हाईकोर्ट भी सख्त

छत्तीसगढ़ के रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर भारी वाहन ने 18 मवेशियों को कुचल दिया, जिसमें 15 की मौत हो गई। पुलिस ने पहली बार मवेशी मालिकों पर केस दर्ज किया।

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Harrison Masih
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Raipur-Bilaspur Highway Cow Accident: छत्तीसगढ़ के रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया। चकरभाठा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत किरना में ओवरब्रिज के पास गुरुवार तड़के एक अज्ञात भारी वाहन ने सड़क किनारे बैठे 18 मवेशियों को कुचल दिया। हादसे में 15 मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए।

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पहली बार मवेशी मालिकों पर कार्रवाई

यह घटना छत्तीसगढ़ में मवेशियों की सड़कों पर मौजूदगी से जुड़ी लापरवाही पर पहली बार गंभीर प्रशासनिक कार्रवाई के रूप में सामने आई है। पुलिस ने तीन मृत मवेशियों के कान में लगे टैग से पहचान कर कमलेश्वर वर्मा (75) और विजय वर्मा (62) के खिलाफ FIR दर्ज की है। दोनों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 291 और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें 30 जुलाई को गिरफ्तार किया गया।

हाईवे पर उबाल: चक्का जाम और प्रदर्शन

घटना के बाद क्षेत्रीय लोगों में भारी आक्रोश फूट पड़ा। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और ग्रामीणों ने मिलकर हाईवे पर चक्का जाम किया और दोषी वाहन चालक की गिरफ्तारी, मवेशियों की सुरक्षा के ठोस इंतजाम और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।

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हाई कोर्ट की सख्ती और NHAI पर फटकार

यह मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की निगरानी में भी है। अब तक हुई 34 सुनवाइयों में कोर्ट ने बार-बार NHAI को फटकार लगाई है। कोर्ट ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की बेंच से कहा कि मवेशियों की मौत पर अब तक उठाए गए कदम नाकाफी हैं।

NHAI को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह हाईवे सुरक्षा, जनजागरूकता और रात्रिकालीन निगरानी की ठोस व्यवस्था करें। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पिछले दो वर्षों में 200 से अधिक मवेशियों की मौत छत्तीसगढ़ की सड़कों पर हो चुकी है, जो चिंताजनक है।

पहले भी हुई थी यही घटना

इससे पहले भी 27 जुलाई को बिलासपुर जिले के मस्तूरी-रायपुर नेशनल हाईवे में एक अज्ञात वाहन ने 26 मवेशियों को कुचल दिया था, जिसमें 25 की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने लगातार आदेश दिए हैं कि सड़कों से मवेशियों को हटाया जाए, लेकिन स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों की लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

हालात यह हैं कि नेशनल हाईवे जैसे व्यस्त मार्गों पर रात में न तो निगरानी रहती है और न ही कोई पशु नियंत्रण व्यवस्था, जिससे ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति होती रहती है।

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गौ तस्करी पर भी पड़ी नजर

खुले में घूमते मवेशी छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी को भी बढ़ावा दे रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में मवेशी तस्करी के मामले ज्यादा हैं, क्योंकि यहाँ मवेशी सड़क पर खुले में छोड़ दिए जाते हैं जिससे तस्करों को उन्हें पकड़ने और ले जाने में कोई परेशानी नहीं होती।

नेशनल हाईवे पर गायों की मौत 

  • 18 मवेशियों को कुचला गया: रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर भारी वाहन ने ओवरब्रिज के पास 18 मवेशियों को कुचल दिया, जिसमें 15 की मौके पर ही मौत हो गई और 3 घायल हुए।

  • मवेशी मालिकों पर एफआईआर: चकरभाठा पुलिस ने दो मवेशी मालिकों पर लापरवाही का केस दर्ज किया और गिरफ्तारी की। यह प्रदेश की पहली ऐसी कार्रवाई मानी जा रही है।

  • ग्रामीणों का चक्का जाम: घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर चक्का जाम कर दोषी वाहन चालक की गिरफ्तारी की मांग की।

  • हाईकोर्ट का कड़ा रुख: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने NHAI से अब तक की गई कार्यवाही पर शपथ पत्र मांगा है और पशु एवं राहगीरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

  • खुले मवेशियों पर चिंता: प्रशासन ने स्वीकारा कि खुले मवेशियों की वजह से तस्करी और हादसों की घटनाएं बढ़ी हैं। अब मवेशी मालिकों पर भी जिम्मेदारी तय की जा रही है।

बिलासपुर नेशनल हाइवे गाय एक्सीडेंट

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प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश

मुंगेली कलेक्टर कुंदन कुमार और एसपी भोजराम पटेल ने पशु चिकित्सा विभाग और पुलिस को रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने, साथ ही हाईवे पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। घायल मवेशियों का इलाज सरगांव के पशु चिकित्सालय में किया जा रहा है।

यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही, ग्रामीण जागरूकता की कमी और नीतिगत विफलता का प्रतीक बन चुकी है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सक्रियता और पुलिस प्रशासन की तत्परता से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में मवेशियों की सुरक्षा और यातायात नियंत्रण दोनों को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे।

FAQ

छत्तीसगढ़ में मवेशियों के सड़क पर घूमने की समस्या का कारण क्या है?
इसका मुख्य कारण मवेशी मालिकों द्वारा जानवरों को खुले में छोड़ देना है। इसके अलावा मवेशियों के लिए स्थायी आश्रय स्थलों की कमी और स्थानीय प्रशासन की निगरानी में ढिलाई भी बड़ी वजह है।
क्या मवेशी मालिकों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है?
हाँ, हाल ही में बिलासपुर में पहली बार मवेशी मालिकों के खिलाफ बीएनएस की धारा 291 के तहत लापरवाही का केस दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर क्या निर्देश दिए हैं?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एनएचएआई और राज्य प्रशासन को सड़कों से मवेशियों को हटाने, जनजागरूकता अभियान चलाने और रात्रिकालीन निगरानी बढ़ाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद हादसों में कमी नहीं आ रही है।

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