/sootr/media/media_files/2025/10/13/rajendra-das-wife-street-birthday-celebration-highcourt-order-the-sootr-2025-10-13-16-25-27.jpg)
Raipur. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निज सचिव राजेंद्र दास की पत्नी ने हाल ही में सड़क पर अपने जन्मदिन का बर्थडे सेलिब्रेशन किया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। वायरल वीडियो में दिखाया गया कि उनकी पत्नी सड़क पर खड़ी होकर केक काट रही हैं और साथ में पटाखे फूट रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सरकार और मंत्री को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट की प्रतिक्रिया और सुनवाई
यह मामला मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष आया। कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए और सरकार को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने बताया कि FIR दर्ज कर गिरफ्तारी भी की गई है।
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
वीडियो में देखा गया कि राजेंद्र दास की पत्नी सड़क पर केक लेकर खड़ी हैं। उनके पास पटाखे फूट रहे हैं और केक काटने के लिए वे सफेद लग्जरी कार की बोनट का इस्तेमाल करती नजर आती हैं। वीडियो में सामने से भी कई दृश्य कैप्चर किए गए हैं, जिसमें वह पोज देती हुई नजर आती हैं। यह वीडियो राजेंद्र दास ने भी सोशल मीडिया पर शेयर किया और अपनी पत्नी को बधाई दी।
राजेंद्र दास और कांग्रेस का बयान
राजेंद्र दास ने कहा कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चिरमिरी में कोई नेशनल हाईवे नहीं है, पटाखे सड़कों पर नहीं फोड़े गए और केक सड़क पर नहीं काटा गया। वहीं कांग्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि राजेंद्र दास सड़क पर खुलेआम बर्थडे मना रहे थे और पटाखों के बीच सड़क को निजी जगह बना दिया गया।
इस मामले को 3 पॉइंट्स में समझें:
|
राजेंद्र दास का राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि
राजेंद्र दास (Rajendra Das) कई सालों से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से जुड़े हैं। हलके में उन्हें “सुपर मंत्री” कहा जाता है, क्योंकि उनका मंत्री और विभाग अधिकारियों के बीच काफी प्रभाव है। MCB जिले के भाजपा नेताओं के अनुसार, वे भाजपा के किसी पद पर नहीं हैं, बल्कि मंत्री के सीधे संपर्क में हैं।
हाईकोर्ट की सख्ती और सामाजिक संदेश
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्पष्ट किया कि सड़कों पर नियम सभी के लिए बराबर हैं और किसी के लिए छूट नहीं होनी चाहिए। इस तरह के सार्वजनिक आयोजन सुरक्षा और कानून का उल्लंघन नहीं करने चाहिए। हाईकोर्ट ने सरकार और संबंधित मंत्री को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और कार्रवाई हो।