/sootr/media/media_files/2025/04/04/C7awRSOR8eSiimqeqYOt.jpg)
कृष्ण कुमार सिकंदर। रायपुर. वाम पथ पर जा रहे लोग राम पथ पर लौट आएं, यही कामना मां दंतेश्वरी से करता हूं। ये बातें प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने कहीं। कुमार विश्वास दंतेवाड़ा जिले में 'बस्तर के राम' की कथा कह रहे थे। उन्होंने कहा कि बस्तर के दंडकारण्य में क्षेत्र में फैले अत्याचार और आसुरी प्रवृत्ति को समाप्त करने के लिए प्रभु श्रीराम यहां से भ्रमण करते गुजरे थे। उस समय प्रभु श्रीराम ने यहीं राक्षसों के हाथों मारे गए मुनियों की अस्थियों के ढेर देखे थे।
आज भी दंडकारण्य के रकसा हाड़ा के जंगल में पत्थरों को जलाने पर अस्थियों की गंध आती है। उन्होंने कहा कि बाहर के लोग यहां से आने वाले समाचारों के बस्तर के बारे में जो भी सोचते हों, लेकिन भविष्य में बस्तर की माटी, मां दंतेश्वरी को प्रणाम करने पूरा विश्व आतुर होगा। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम लोक नेता हैं। प्रभु श्रीराम को निष्कासित राजनीति ने किया, लेकिन प्रभु श्रीराम को स्थापित लोकनीति ने किया।
ये खबर भी पढ़ें... गृहमंत्री अमित शाह नक्सलियों को जड़ से साफ करने आज लेंगे हाईलेवल मीटिंग
दंडकारण्य के कण-कण में प्रभु श्रीराम
बस्तर पंडुम महोत्सव के तीसरे दिन 'बस्तर के राम' कथा में व्याख्यान देने पहुंचे कुमार विश्वास ने कहा कि अयोध्या के राजकुमार संघर्षशील रहकर ही मर्यादा पुरुषोत्तम बने। बस्तर के दंडकारण्य के कण-कण में प्रभु श्रीराम विराजमान हैं। आज पूरा देश कह रहा है कि राम आएंगे। परंतु, बस्तर के वासी तो सदियों से प्रतिक्षा कर रहे हैं। बस्तरवासी सौभाग्यशाली हैं, क्योंकि यहां के वासियों का सीधा नाता राम से है।
ये खबर भी पढ़ें... MBBS स्टूडेंट्स से लाखों रुपए वसूल रहे मेडिकल कॉलेजों पर जुर्माना
अयोध्या में प्रभु श्रीराम एक राजकुमार थे, लेकिन बस्तर में संघर्षशील रहकर मर्यादा पुरुषोत्तम बने। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा के गीदम नाम गिद्धराज जटायु के नाम पर पड़ा। एक समय यहां बड़ी संख्या में गिद्ध पाए जाते थे। गिद्धों के निवास के कारण कालांतर में स्थानीय लोग इस जगह को गीदम कहने लगे। उन्होंने कहा कि तेवाड़ा के ढोलकल में विराजमान भगवान गणेश जी की कथा अद्भुत है।
छत्तीसगढ़ में नहीं हो सकती भोजन की कमी
कुमार विश्वास ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने देश में दो ही शिवलिंग स्वयं स्थापित किए थे। एक रामेश्वरम में और दूसरा छत्तीसगढ़ के सुकमा के रामाराम में। बस्तर की पावन धरा पर प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे, इसीलिए वनाच्छादित बस्तर में नंगे पांव चलने पर भी कांटे नहीं चुभते हैं। यहां के लोगों पर आज भी प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि सीता की रसोई मैनपाट में है, यहां माता ने स्वयं रसोई बनाई थी, इसलिए पूरी दुनिया भोजन की कमी हो सकती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं हो सकती है।
ये खबर भी पढ़ें... फिल्मी अंदाज में कोयला चोरी... यहां सिग्नल ढककर रोक लेते हैं मालगाड़ी
प्रभु श्रीराम को देखने के लिए दृष्टि होनी चाहिए, इसी दंडकारण्य में दो महिलाओं ने प्रभु श्रीराम को अपनी - अपनी दृष्टि से देखा। जिस महिला ने प्रभु श्रीराम में काम देखा, वह सूर्पनखा आज भी अपमानित है। दूसरी महिला ने भाव और भावना से देखा वह शबरी थी। शबरी इसी छत्तीसगढ़ की थीं। प्रभु श्रीराम ने शबरी को माता कौशल्या के बाद अपनी मां के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में बेर को अपथ्य माना गया है। शबरी के बेर खाकर उसी से प्रभु श्रीराम राम तृप्त हुए। बस्तर के किसी जंगल में जाएंगे तो बेर के पेड़ को देखकर वट वृक्ष की तरह आदर करो।
ये खबर भी पढ़ें... देशी और विदेशी शराब आज से एक ही दुकान पर मिला करेगी
प्रभु श्रीराम खत्म कर दिया वन्य और नगरीय सभ्यता का भेद
कुमार विश्वास ने कहा कि आजकल जिस नेता का पद छिन जाता है, वह पदयात्रा करता है। लेकिन, प्रभु श्रीराम ने पद देने के लिए पदयात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें कैकई माता का आभारी होना चाहिए, कयोंकि उनके कारण ही प्रभु श्रीराम के पांव इस दंडकारण्य में पड़े।
प्रभु श्रीराम के बारे में बोलना रोजगार नहीं, बल्कि संस्कार है। प्रभु श्रीराम ने दंडकारण्य आकर एक काम और किया। उन्होंने वन्य और नगरीय सभ्यता का भेद खत्म कर दिया। बस्तर में भील, कोल और किरात को गले लगाया। राम कथा के बीच में ही मौसम खराब हुआ और बारिश हुई तो कुमार विश्वास ने कहा- यह बारिश नहीं है, बल्कि प्रभु ने हम सब पर जल छिडककर आशीर्वाद दिया है।
Kumar Vishwas | Kavi Kumar Vishwas | कुमार विश्वास राम कथा | बस्तर न्यूज | दंतेवाड़ा न्यूज | Bastar News | Bastar News in Hindi | Dantewada News | dantewada news in hindi