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रायपुर : सरकारी खरीदी में भ्रष्टाचार रुकवाने के लिए केंद्र सरकार ने जेम पोर्टल लांच किया और यह जरुरी भी किया गया कि इसी रास्ते से सामान की खरीदी की जाए। लेकिन कॅरप्शन करने वालों ने इसमें भी अपने फायदे के कई रास्ते निकाल लिए हैं। वैसे तो इसके कई उदाहरण हैं लेकिन हम आपको ताजा मामला बताते हैं।
यह मामला है ग्रामीण विकास विभाग का। इस विभाग के तहत आने वाले ठाकुर प्यारेलाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, निमोरा ने जैम पर तीन करोड़ के सामान की खरीदी का ऑर्डर दिया है। द सूत्र ने पड़ताल की तो पता चला कि यहां पर भी खेला हो रहा है। जो सामान की लिस्ट है उस सामग्री को दो से नौ गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा जा रहा है। आइए आपको बताते हैं जेम का गेम।
ये है जेम का पूरा गेम
जेम, एक ऐसा पोर्टल है जहां पर सरकारी सामान की खरीदी होती है। यह केंद्र सरकार ने अनिवार्य रुप से लागू किया है। मकसद था कि जेम से यदि सरकारी सामान की खरीदी होगी तो कॅरप्शन के चांस कम होंगे। सब कुछ ऑनलाइन रहेगा तो प्रक्रिया भी पारदर्शी रहेगी। लेकिन असल में ऐसा हो नहीं रहा। इस पोर्टल से खरीदी में भी कॅरप्शन के रास्ते निकाल लिए गए हैं।
ठाकुर प्यारेलाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट,निमोरा (माना) रायपुर (छत्तीसगढ़) में कई गुना अधिक क़ीमत दे कर सामनों की ख़रीदी का ऑर्डर हुआ। ये ऑर्डर हनु कृपा इंटरप्राइज़ेज़ के ऋषभ अग्रवाल को हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने ये जानकारी निकाली है। जानकारी के मुताबिक करीब 3 करोड़ का सामान खरीदा जाना है।
इसमें ट्रेकसूट,रेडियो,चप्पल और पेन जैसी चीजें हैं। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन प्रक्रिया से जुड़े सूत्र ने इस खेल का खुलासा कर दिया। सूत्र के मुताबिक इन चीजों को 2 से नौ गुना तक ज्यादा दर पर खरीदी जा रही हैं। कमाल की बात ये भी है कि इन सभी चीजों में कोई भी ब्रांड एप्लीकेवल नहीं है।
ये सामान इतनी कीमत पर खरीदा जा रहा है
1200/-₹ का ट्रैकसूट 4000/-₹ में
150/-₹ की हवाई चप्पल 1350/-₹ में
500/-₹ का कॉलेज बैग 1500/-₹ में
150/-₹ की टार्च 850/-₹ में
150/-₹ की मोटिवेटिव बुक 977/-₹ में
800/-₹ का रेडियो 1999/-₹ में
4/-₹ का पेन 10/-₹ में।
इतने का खरीदा जा रहा है सामान
ट्रैकसूट - 828000
कॉलेज बैग - 315000
वॉटर बॉटल - 2411550
जेल पेन - 20700
डायरी पेड - 351900
ऑफिस मैग्जीन - 579600
टॉर्च - 1860930
रेडियो - 4137930
थाली - 924500
लोटा - 310500
गिलास - 207000
चप्पल - 2794500
मोटीवेशन बुक - 2022390
शर्ट एक्सट्रा लार्ज - 2691000
कैल्शियम टेबलेट की जगह सोफा खरीदी
यह तो था रुरल डेवलपमेंट विभाग का हाल। हम आपको एक और उदाहरण बताते हैं। यह है स्वास्थ्य विभाग से संबंधित। वैसे भी छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग हमेशा चर्चा या यूं कहें कि विवादों में रहता है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली की खबरें बाहर आती हैं तो पत्रकारों के घर पुलिस पहुंच जाती है।
कभी अस्पतालों में मीडिया सेंसरशिप का आदेश आ जाता है जिसे वापस भी लेना पड़ता है। मेडिकल कार्पोरेशन के अधिकारी दवा खरीदी में भारी भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में हैं। द सूत्र को जेम से खरीदी का एक कागज हाथ लगता है। यहां पर कैल्शियम टेबलेट के बजट में सोफा सेट की खरीददारी की जा रही है। मूल्य की जगह सोफासेट का मेजरमेंट लिखा है। यानी कुल मिलाकर ऐसे हो रहा है जेम का गेम।
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जेम में ऐसे होते हैं गेम
जेम पोर्टल को कॅरप्शन को रोकने के लिए लागू किया गया था। आजकल जेम पोर्टल में भी खरीदी पारदर्शी नहीं रही है। जानकार कहते हैं कि खरीदी में कमाई करने के लिए सप्लायर और खरीददार में पहले ही डील हो जाती है। और टेंडर के लिए इस तरह की शर्तें लगा दी जाती हैं जिनमें उनका चहेता सप्लायर ही पास हो पाता है।
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