नक्सलियों के 50 कोर इलाकों में फिर से खुले स्कूल, 8000 बच्चों का सुधरेगा भविष्य
नक्सली हिंसा से प्रभावित बीजापुर जिले में शिक्षा की लौ फिर से जल उठी है। छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से 50 स्कूलों को दोबारा खोला गया है।
नक्सली हिंसा से प्रभावित बीजापुर जिले में शिक्षा की लौ फिर से जल उठी है। छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से 50 स्कूलों को दोबारा खोला गया है, जिससे करीब 8,000 बच्चे शिक्षा से फिर से जुड़ गए हैं। एपीसी मोहम्मद जाकिर खान ने बताया कि सरकार शिक्षा के अधिकार को हर बच्चे तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एपीसी मोहम्मद जाकिर ने कहा, 'छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंचे। इन प्रयासों के तहत 50 स्कूल फिर से खोले गए हैं और करीब 8,000 बच्चे शिक्षा से फिर से जुड़े हैं।
जिला प्रशासन छात्रों को किताबें और मिड-डे मील जैसी सुविधाएं मुहैया करा रहा है। गांव के लोगों ने भी स्कूल खोलने में सहयोग करना शुरू कर दिया है। नक्सली हिंसा के दौरान कई स्कूल ध्वस्त हो गए थे, लेकिन इनका पुनर्निर्माण तभी हो सका जब गांव के लोगों ने मदद की।
अब बीजापुर के शैक्षणिक संस्थान युवा विद्यार्थियों से गुलजार हैं, जहां कभी नक्सली आतंक के कारण स्कूलों के दरवाजे बंद हो गए थे। यह प्रयास न केवल शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि क्षेत्र में उम्मीद की नई किरण भी जगा रहा है।
FAQ
बीजापुर जिले में कितने स्कूलों को दोबारा खोला गया है?
बीजापुर जिले में 50 स्कूलों को दोबारा खोला गया है।
कितने बच्चे दोबारा शिक्षा से जुड़ पाए हैं?
लगभग 8,000 बच्चे इन स्कूलों के खुलने से फिर से शिक्षा से जुड़ गए हैं।
स्कूलों को दोबारा खोलने में किन-किन की भूमिका रही?
छत्तीसगढ़ सरकार, जिला प्रशासन और गांव के लोगों ने मिलकर स्कूलों को फिर से खोलने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार द्वारा किताबें और मिड-डे मील जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।