चार सिपाहियों द्वारा एक सिख युवक की पगड़ी गिराकर, उसके बाल खींचकर मारपीट करने के मामले में आरोपियों को सिख समाज ने भी सजा दी है। हालांकि, मामला सामने आने के बाद चारों पुलिस जवानों को सस्पेंड कर दिया गया था।
सिपाहियों ने बाल खींचकर की थी मारपीट
घटना 8 जून की रायपुर के थाना टिकरापारा क्षेत्र में आने वाले अंतर राज्यीय बस स्टैंड की थी। यहां सिपाही चंद्रभान सिंह भदौरिया, सुरेंद्र सिंह सेंगर, रविन्द्र सिंह राजपूत और दानेश्वर साहू ने सिख युवक बहादुर सिंह के साथ मारपीट की थी। इन्होंने युवक की पगड़ी फेंक दी थी और बाल खींचते हुए उसे प्रताड़ित किया था।
घटना के सीसीटीवी फुटेज में टिकरापारा थाने के सिपाही चंद्रभान सिंह भदोरिया, सुरेंद्र सिंह सेंगर, रविंद्र सिंह राजपूत और दानेश्वर साहू द्वारा बहादुर सिंह के साथ की गई बदसलूकी को लेकर सिख समाज ने रोष जताया था।
समाज ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह को ज्ञापन देकर आरोपी सिपाहियों पर धारा 295 ए के तहत जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर आरोपी सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
सिपाहियों ने गुरुद्वारे में मत्था टेकरकर मांगी माफी
सिख समाज की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया था। इस कार्रवाई से सिख समाज संतुष्ट नहीं था। आरोपी सिपाहियों ने तेलीबांधा स्थित गुरुद्वारा में श्री गुरुग्रंथ साहिब के सामने मात्था टेक कर अपनी गलती स्वीकार की और सिख समाज से अपनी गलती की क्षमा मांगी है।
इस पर स्टेशन रोड गुरुद्वारे के अध्यक्ष का कहना है कि समाज ने इन्हें दोबारा किसी सिख का धार्मिक अपमान न करने की चेतावनी देते हुए सात दिनों तक गुरुद्वारे में बर्तन साफ करने और गुरुद्वारा आने वाली संगत के जूतों की सेवा करने की सजा तय की है।
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