/sootr/media/media_files/2025/06/27/six-rewarded-naxalites-surrender-in-narayanpur-the-sootr-2025-06-27-14-49-06.jpg)
Narayanpur Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का असर लगातार कम होता जा रहा है। राज्य सरकार और पुलिस की मेहनत रंग ला रही है। नारायणपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां 6 सक्रिय और इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 4 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। ये सभी माओवादी संगठन के माड़ डिविजन और अमदेई एरिया में लंबे समय से सक्रिय थे।
ये खबर भी पढ़ें... नक्सल मोर्चे में बड़ी सफलता: 38 नक्सलियों ने एक साथ किया आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पित नक्सलियों की पहचान:
धनाय हलामी (24 वर्ष)
दशमती कोवाची (20 वर्ष)
सुकाय उर्फ रोशनी पोयाम (20 वर्ष)
चैतराम उसेंडी उर्फ रूषी (28 वर्ष)
गंगू पोयाम (20 वर्ष)
शारी उर्फ गागरी कोवाची (20 वर्ष)
इन सभी पर कुल ₹10 लाख का इनाम घोषित था। ये नक्सली लम्बे समय से नारायणपुर जिले के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय थे और सुरक्षा बलों को कई बार चुनौती दे चुके थे।
ये खबर भी पढ़ें... 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 87 लाख से अधिक का था इनाम
आत्मसमर्पण के पीछे के कारण:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने माओवादियों की अमानवीय, उद्देश्यहीन और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि संगठन के अंदर लगातार हो रहा शारीरिक, मानसिक और लैंगिक शोषण, तथा वरिष्ठ कमांडरों की मनमानी नीतियों ने उन्हें संगठन छोड़ने के लिए मजबूर किया।
इसके अलावा जंगलों में सुरक्षा बलों की बढ़ती मौजूदगी, सतत सर्चिंग अभियान और सरकारी विकास कार्यों की रफ्तार ने भी माओवादी नेटवर्क को कमजोर किया है।
राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत लाभ:
प्रशासन ने इन सभी नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सुविधाएं देने की घोषणा की है।
इन सुविधाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
सुरक्षित पुनर्वास
रोजगार अवसर
प्रशिक्षण
₹50,000 की प्रोत्साहन राशि
सुरक्षा प्रदान करना
ये खबर भी पढ़ें... नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण के लिए मास्टर स्ट्रोक
नक्सल प्रभाव में भारी गिरावट:
पुलिस के अनुसार, सिर्फ 2025 में अब तक नारायणपुर जिले में 110 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो इस क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क के ढहने का संकेत है। इसके अलावा हाल ही में अबूझमाड़ क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में दो महिला नक्सली मारी गई थीं, जिससे माओवादी संगठन को एक और बड़ा झटका लगा।
नारायणपुर में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण और मुठभेड़ों से यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षाबलों की रणनीति सफल हो रही है। राज्य सरकार की नक्सल विरोधी नीति, विकास कार्यों की गति और समाज में लौटने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की योजना माओवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभा रही है।
छत्तीसगढ़ अब नक्सलवाद की गिरफ्त से बाहर आने की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और यह राज्य के शांतिपूर्ण भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये खबर भी पढ़ें... बैकफुट पर नक्सली संगठन, आत्मसमर्पण की तैयारी में भूपति और हिड़मा
नारायणपुर नक्सल सरेंडर | छह नक्सलियों ने किया सरेंडर | इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर | छत्तीसगढ़ नक्सली सरेंडर | 6 Naxalites surrendered
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧