छत्तीसगढ़ में ठंड का सितम बढ़ता ही जा रहा है। कहीं बारिश तो कहीं बर्फबारी हो रही है। ठंड के चलते करीब पांच हजार एकड़ में लगी टाऊ की फसल बर्बाद हो गई है। बर्फ जमने की वजह से फसल के दाने खराब हो गए हैं। बीते कुछ दिनों से रोजाना खड़ी फसल के ऊपर सुबह के वक्त बर्फ की परत जम रही है। किसानों के मुताबिक इस साल करीब 35 करोड़ रुपए की टाऊ की फसल जिले के पठारी इलाके से निकलने को तैयार थी।
प्रदेश के उत्तरी हिस्से में कड़ाके की ठंड पड़ रही। मंगलवार को बलरामपुर सबसे ठंडा रहा, यहां न्यूनतम तापमान 3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हालांकि अगले तीन दिन ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी। नमी युक्त हवा आने के कारण न्यूनतम तापमान 3 से 5 डिग्री तक बढ़ सकता है। वहीं अगले दो दिन बस्तर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण आज (बुधवार) को नमी की मात्रा बढ़ेगी। इससे रायपुर समेत बस्तर संभाग में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी। बस्तर में कहीं-कहीं पर हल्की बारिश भी होगी। बंगाल में बने इस सिस्टम के असर से सोमवार की तुलना में न्यूनतम तापमान मंगलवार को दो से तीन डिग्री तक बढ़ गया है।
ठंड के कारण छत्तीसगढ़ में किस फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, और इसकी आर्थिक हानि कितनी है?
ठंड के कारण छत्तीसगढ़ में टाऊ की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। करीब पांच हजार एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है। इस फसल की अनुमानित आर्थिक हानि 35 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ के किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा ठंड रिकॉर्ड की गई, और आगामी दिनों में तापमान में क्या बदलाव हो सकता है?
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी, जहां न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आगामी दिनों में नमी युक्त हवा के कारण तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।