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Zakir Hussain Chhattisgarh Last Performence : पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण से सम्मानित जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर (रविवार देर रात) को निधन हो गया। उन्होंने 73 साल की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली। जाकिर हुसैन की छत्तीसगढ़ से जुड़ी कुछ अनोखी यादें हैं। उस्ताद हुसैन ने यहां तबले की ताल पर भगवान शिव का डमरू बजाकर सुनाया था। यह परफॉर्मेंस भले ही चार साल पुराना हो, पर उस्ताद के उस प्रदर्शन के लोग आज भी दीवाने हैं।
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खैरागढ़ में थी उस्ताद की छत्तीसगढ़ की आखिरी परफॉर्मेंस
उस्ताद जाकिर हुसैन 18 दिसंबर 2019 को जाकिर हुसैन खैरागढ़ आए थे। इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में जाकिर हुसैन मुख्य अतिथि थे। उन्होने अपने परफॉर्मेंस से समारोह में बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। उस्ताद ने न सिर्फ भगवान शिव का डमरू बल्कि, भागते हुए हिरण की चाल को भी तबले के जरिए सुनाकर सभी को हैरान कर दिया था।
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अस्पताल में ली आखिरी सांस
विश्वविख्यात तबला वादक जाकिर हुसैन पिछले कुछ समय से काफी बीमार थे। वे इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जूझ रहे थे। निधन से 14 दिनों पहले से वे सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे। बता दें कि उस्ताद हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
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जब उस्ताद जाकिर हुसैन ने अपनी कला से जीता शिवभक्तों का दिल, तबले पर बजाया महादेव का डमरू #ZakirHussain #TablaMaestroZakirHussain #NoMore #Tribute #TheSootr pic.twitter.com/NvXCZgxrNw
— TheSootr (@TheSootr) December 17, 2024
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