छत्तीसगढ़ SRC NGO स्कैम: 15 साल में करोड़ों की गड़बड़ी,पूर्व मंत्री और IAS अफसरों के नाम शामिल,CBI खोलेगी राज

छत्तीसगढ़ में SRC NGO घोटाले का खुलासा: पिछले 15 सालों में सैकड़ों करोड़ रुपए के फंड ट्रांसफर में पूर्व मंत्री, रिटायर्ड IAS अफसर और NGO अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई। हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने जांच शुरू कर दी है।

author-image
Harrison Masih
New Update
src-ngo-scam-cbi-investigation-2025 the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Raipur. छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक चर्चित NGO घोटाले की कहानी सामने आई है। यह मामला SRC NGO (CG SRC NGO Scam) से जुड़ा है, जिसमें पिछले 15 सालों में सैकड़ों करोड़ रुपए की गड़बड़ी हुई। इसमें पूर्व मंत्री, रिटायर्ड IAS अफसर और अन्य अधिकारी शामिल पाए गए हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने भी जांच शुरू कर दी है।

सबसे बड़ा किरदार: राजेश तिवारी

समाज कल्याण विभाग से जुड़े इस स्कैम में सबसे बड़ा नाम है SRC NGO के डिप्टी डायरेक्टर राजेश तिवारी। तिवारी के सिग्नेचर से NGO के खाते में बिना रोक-टोक सैकड़ों करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए। संविदा पर रहते हुए भी उन्हें कई अहम पद दिए गए। उनके प्रभाव के कारण 32 साल की पेंशन भी हासिल की। NGO में 13 साल तक कार्यकारी निदेशक के रूप में काम करते हुए, उन्होंने SBI में बिना अनुमति खाता खुलवाया और कैशबुक, स्टॉक पंजीयन, वित्तीय दस्तावेज नहीं रखे।

ये खबर भी पढ़ें... CGPSC भर्ती घोटाला: नीतेश-निशा बिना इंटरव्यू हुए सेलेक्ट,2020 में हुआ पेपर लीक... CBI जांच में बड़े खुलासे

पूर्व मंत्री और उनके रोल

2004 से 2018 तक महिला एवं बाल विकास विभाग के 3 मंत्री बदले – रेणुका सिंह, लता उसेंडी और रमशीला साहू। स्कैम की फाइलों में मंत्रियों को 15 साल तक भनक नहीं लगी। पूर्व मंत्री रेणुका सिंह का नाम NGO फाउंडर के रोल में सामने आया। विभागीय अफसरों ने सभी दस्तावेज़ और फंड ट्रांसफर बंद दरवाजों के पीछे कराए, जिससे मंत्री अनजान रहे।

अन्य प्रमुख अफसर और उनका रोल

  • पंकज वर्मा – SRC NGO के कार्यकारी निदेशक, 2 साल का ऑडिट नहीं करवाया, कैशबुक में गड़बड़ी।
  • हरमन खलखो – NGO रजिस्ट्रेशन से जुड़े, 10.8 करोड़ की गड़बड़ी में शामिल।
  • अन्य अफसर – सतीश पांडे, अशोक तिवारी, एमएल पांडे – जिनके हस्ताक्षर फंड ट्रांसफर में मिले।

ये खबर भी पढ़ें... CGPSC घोटाला: CBI ने दाखिल किया 2000 पन्नों का सप्लीमेंट्री चालान, सामने आया मास्टरमाइंड का नाम

फंड ट्रांसफर और घोटाले की प्रक्रिया

समाज कल्याण विभाग की अलग-अलग मदों की राशि सीधे SRC NGO के खाते में ट्रांसफर हुई। इसमें पंचायती राज संस्थाओं की सहायता, सामाजिक सुरक्षा निधि, ग्राम पंचायतों की सहायता, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना आदि शामिल थे। अलग-अलग मदों में 29 लाख, 20 लाख, 7 लाख, 9 लाख, 8 लाख, 9 लाख, 6 लाख और 4 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। राशि पहले सरकारी स्कूलों या लक्षित संस्थानों में जाती थी, लेकिन सीधे SRC NGO के खाते में डाल दी गई।

छत्तीसगढ़ NGO स्कैम: ऐसे समझें मामला

1. स्कैम की अवधि और रकम
15 साल में सैकड़ों करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर।

2. मुख्य आरोपी – 
NGO के डिप्टी डायरेक्टर राजेश तिवारी, जिनके सिग्नेचर से फंड ट्रांसफर हुआ।

3. मंत्री और अफसर शामिल
3 पूर्व मंत्री और 7 रिटायर्ड IAS अफसर फाउंडर या सहयोगी।

4. घोटाले की प्रक्रिया
फंड ट्रांसफर, ऑडिट नहीं, दस्तावेजों का गुप्त रखरखाव।

5. CBI जांच
हाईकोर्ट आदेश के बाद CBI ने जांच शुरू, सभी प्रमुख फिगर की जांच संभावित।

ये खबर भी पढ़ें... कोल लेवी घोटाला: ED ने राज्य सरकार को लिखा पत्र,10 सीनियर IAS-IPS अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

कैसे 15 साल तक मंत्री अनजान?

प्रबंध समिति की कोई बैठक नहीं हुई। किसी मंत्री के पास फाइल रिकॉर्ड तक नहीं गया। अफसरों ने छोटे नोटशीट पर दस्तखत करवाकर फाइलें दबा दी। नतीजा ये निकला कि पूर्व मंत्री रेणुका सिंह, लता उसेंडी और रमशीला साहू को 15 साल तक भनक नहीं लगी।

CBI की जांच और आगे की कार्रवाई

CBI ने जांच शुरू कर दी है, और 15 दिन के भीतर सभी दस्तावेज जब्त करने का काम जारी है। जांच की आंच NGO के फाउंडर, RAS अफसर, जिला अधिकारी, ऑडिट रोकने वाले अधिकारी और कर्मचारियों तक पहुंच सकती है। स्कैम में शामिल पूर्व मंत्री, रिटायर्ड IAS अफसर और विभागीय अधिकारी अब जांच के दायरे में हैं।

ये खबर भी पढ़ें... CG liquor scam: रिटायर्ड IAS निरंजन दास और कारोबारी यश पुरोहित की रिमांड बढ़ी,EOW की जांच जारी

FAQ

SRC NGO घोटाला क्या है?
SRC NGO स्कैम छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा NGO घोटाला है, जिसमें पिछले 15 सालों में सैकड़ों करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर किया गया। इसमें पूर्व मंत्री, रिटायर्ड IAS अफसर और NGO अधिकारी शामिल पाए गए हैं।
SRC NGO स्कैम में प्रमुख आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपी SRC NGO के डिप्टी डायरेक्टर राजेश तिवारी हैं। इसके अलावा 3 पूर्व मंत्री (रेणुका सिंह, लता उसेंडी, रमशीला साहू) और 7 रिटायर्ड IAS अफसर फाउंडर या सहयोगी पाए गए हैं।
CBI SRC NGO स्कैम में क्या कार्रवाई कर रही है?
हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने जांच शुरू कर दी है। जांच के तहत सभी दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं और NGO, पूर्व मंत्री, IAS अफसर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट राजेश तिवारी SRC NGO घोटाला CG SRC NGO Scam छत्तीसगढ़ NGO स्कैम
Advertisment