शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्य आरोपियों अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को जमानत दे दी। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने यह आदेश जारी किया।

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Krishna Kumar Sikander
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Supreme Court granted bail to Anwar Dhebar and Arvind Singh in liquor scam case the sootr
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छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्य आरोपियों अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को जमानत दे दी। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने यह आदेश जारी किया। बचाव पक्ष ने दलील दी कि मामले में जांच धीमी है और अभियोजन पक्ष ठोस सबूत पेश करने में नाकाम रहा, जिसके आधार पर कोर्ट ने जमानत मंजूर की।

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एसीबी की 17 मई को बड़ी कार्रवाई

शराब घोटाले की जांच में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (एसीबी) ने 17 मई को रायपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में 13 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की कथित भूमिका के बाद की गई। एसीबी का दावा है कि लखमा ने आबकारी सिंडिकेट के साथ मिलकर अवैध कमाई की और इसे रिश्तेदारों व सहयोगियों के जरिए छिपाया। छापेमारी में 19 लाख रुपये नकद, महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और संपत्ति से जुड़े कागजात जब्त किए गए, जिनका विश्लेषण जारी है।

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लखमा की गिरफ्तारी और ईडी की जांच

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 28 दिसंबर को लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के ठिकानों पर छापा मारा था। इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया। वे तब से रायपुर सेंट्रल जेल में हैं। ईडी ने 3773 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें लखमा को 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया।

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यह है शराब घोटाला

आरोप पत्र के मुताबिक, लखमा ने शराब नीति में बदलाव कर घोटाले को बढ़ावा दिया। आबकारी अधिकारियों को दुकान निरीक्षण से पहले वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी लेने का नियम बनाया गया, जिससे सिंडिकेट को फायदा हुआ। ईडी ने अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, और कई कंपनियाँ जैसे छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर आदि शामिल हैं। जांच एजेंसियाँ इस मामले में गहन पड़ताल कर रही हैं, और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है।

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