कुपोषण खत्म करने में सरकार ने दिखाई कंजूसीं

छत्तीसगढ़ सरकार ने कुपोषण खत्म करने में भारी कंजूसी दिखाई। बजट के तीन हजार करोड़ रुपए खर्च ही नहीं हुए। पोषण आहार में भी 800 करोड़ बचा लिए।    

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Arun Tiwari
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रायपुर : कुपोषण का कलंक मिटाने के लिए सरकार का बजट अच्छा खासा है। कुपोषण मिटाने के लिए केंद्र सरकार से भी बहुत फंड आता है। लेकिन सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग पूरा बजट ही खर्च नहीं कर पाता है। द सूत्र ने पिछले पांच साल के बजट और उसके खर्च की पड़ताल की तो यह खुलासा हुआ कि सरकार खर्च में हाथ खींच रही है। यह पड़ताल कुपोषण मिटाने के लिए चल रहीं तीन योजनाओं को लेकर थी। यह योजनाएं पोषण आहार की हैं। इन योजनाओं का बजट 8 हजार करोड़ से ज्यादा था लेकिन यह पूरा बजट खर्च ही नहीं हुआ। इसमें से 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा फंड तो सीधे सीधे बच गया। यानी सरकार कुपोषण मिटाने में कंजूसी बरत रही है। 

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खर्च नहीं हो रहा कुपोषण का फंड 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में करीब 5 लाख बच्चे कुपोषित है। कुपोषण का राष्ट्रीय औसत 32.1 फीसदी है जबकि छत्तीसगढ़ का औसत 31.3 फीसदी है। इन आंकड़ों के बाद भी सरकार कुपोषण पर मिलने वाला बजट ही पूरा खर्च नहीं कर पा रही है। बात पूरक पोषण आहार की हो या मुख्यमंत्री सुपोषण योजना या फिर मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना की हो। इन योजनाओं पर मिलने वाला बजट खर्च ही नहीं हो रहा है। द सूत्र ने इन तीन योजनाओं पर पांच साल में मिलने वाले फंड और उसके खर्च की पड़ताल की। तो हैरानी वाली जानकारी सामने आई। पांच सालों में इन तीनों योजनाओं पर 8750 करोड़ रुपए का बजट दिया गया। इनमें से 5548 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए। जबकि 3202 करोड़ रुपए बच गए। यानी सरकार इन योजनाओं पर 3 हजार करोड़ रुपए खर्च ही नहीं कर पाई। अब हम आपको योजनावार बजट और उसका खर्च बताते हैं।  
 

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योजना नंबर 1 

पूरक पोषण आहार योजना : यह योजना बेहद महत्वपूर्ण योजना मानी जाती है। इसमें 6 माह से 6 साल तक के बच्चों और गर्भवती और शिशुओं की माताओं को रेडी टू ईट भोजन दिया जाता है। इसमें 3 से 6 साल के बच्चों को गर्म भोजन दिया गया। 

पूरक पोषण आहार का बजट और खर्च : 
2019-20     745 करोड़     594 करोड़
2020-21     745 करोड़     524 करोड़
2021-22     685 करोड़     485 करोड़
2022-23     683  करोड़    546 करोड़
2023-24     700  करोड़    589 करोड़

कुल बजट      3558 करोड़
खर्च हुआ       2736 करोड़
कितना बचा     822 करोड़     

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योजना नंबर 2 

 
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना : इस योजना में 6 साल से कम उम्र के कुपोषित बच्चों और 15 से 49 वर्ष की महिलाओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार दिया गया। 
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का बजट और खर्च : 
2019-20     500 करोड़     0 करोड़
2020-21     600 करोड़     0 करोड़
2021-22     600 करोड़     480 करोड़
2022-23     600 करोड़     230 करोड़
2023-24     150 करोड़     93  करोड़

कुल बजट      2450 करोड़
खर्च हुआ       803 करोड़
कितना बचा     1647 करोड़     

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योजना नंबर 3

 मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना : इस योजना के तहत 5 साल तक के बच्चों को मेडिकल सुविधाएं दी जाती हैं। उनके स्वास्थ्य जांच की जांच होती है और दवाइयां दी जाती हैं। 
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना का बजट और खर्च : 

2019-20     580 करोड़     481 करोड़
2020-21     274 करोड़     196 करोड़
2021-22     477 करोड़     380 करोड़
2022-23     617 करोड़     520 करोड़
2023-24     614 करोड़     432 करोड़

कुल बजट       2562 करोड़
खर्च हुआ       2009 करोड़
कितना बचा     553 करोड़     

मंत्री बोलीं, सरकार कुपोषण मिटाने के लिए गंभीर

महिला एंव बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े कहती हैं कि सरकार कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिए गंभीर है। छत्तीसगढ़ का औसत राष्ट्रीय औसत से कम है जो हमारी गंभीरता को दिखाता है। पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में कुपोषण में कमी आई है। लेकिन सवाल यही है कि आखिर पूरा बजट क्यों नहीं खर्च हो पा रहा।

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