'आयुष्मान' से मुफ्त इलाज के लिए भी बड़ी जद्दोजहद

छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में संचालित आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 1800 बीमारियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि, कई महंगी जांच और उपचार इस योजना के दायरे से बाहर हैं, जिसके कारण मरीजों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
एडिट
New Update
There is a big struggle to get free treatment from 'Ayushma the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में संचालित आयुष्मान भारत और शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत लगभग 1800 बीमारियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 77 लाख से अधिक परिवारों को 50 हजार से 5 लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार की सुविधा 1637 शासकीय और निजी अस्पतालों में मिल रही है।

हालांकि, कैंसर, न्यूरोलॉजी, हृदय और त्वचा रोगों से संबंधित कई महंगी जांच और उपचार इस योजना के दायरे से बाहर हैं, जिसके कारण मरीजों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों को पूर्ण लाभ देने के लिए इन जांचों को योजना में शामिल करना जरूरी है।

ये खबर भी पढ़ें... रविवि में 70 अंकों की परीक्षा में छात्र को दिए 74 अंक, मूल्यांकन प्रणाली पर उठे सवाल

कैंसर जांच और उपचार में बाधा

कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन आयुष्मान योजना में कैंसर के इलाज की शुरुआत में जरूरी जांच जैसे पेट-सीटी स्कैन, एएचपी टेस्ट और बायोप्सी शामिल नहीं हैं। इन जांचों का खर्च 15-20 हजार रुपये से कम नहीं होता, जो आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए भारी पड़ता है। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी जैसी सुविधाएं तो उपलब्ध हैं, लेकिन महंगी जांचों के अभाव में मरीजों को इलाज शुरू करने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, पैलेटिव केयर जैसी सुविधा, जो कैंसर मरीजों को असहनीय दर्द से राहत दिलाती है, को भी योजना में शामिल करने की मांग उठ रही है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ के पांच नए जिलों को मिले वाहन पंजीयन कोड

न्यूरोलॉजी और हृदय रोगों की जांच का अभाव

मस्तिष्क और नसों से संबंधित बीमारियों के मामले भी बढ़ रहे हैं, लेकिन न्यूरोलॉजी से जुड़े उपचार और जांच को योजना में शामिल नहीं किया गया है। रीनल बायोप्सी और हृदय से संबंधित कुछ जांच भी पैकेज से बाहर हैं। पहले हृदय रोगियों के लिए इंट्रा-एओर्टिक बैलून पंप (एआईबीपी) की सुविधा 50 हजार रुपये के पैकेज में शामिल थी, जो हार्ट अटैक के दौरान रक्त पंप करने में मदद करती थी। लेकिन अब इसे योजना से हटा लिया गया है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है।

ये खबर भी पढ़ें... अश्लीलता फैलाने वाले कलाकारों पर रायपुर के सिविल लाइन थाने में शिकायत

त्वचा रोगों का इलाज भी महंगा

त्वचा रोगों को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि इनका उपचार आयुष्मान योजना में शामिल नहीं है। चिकित्सकों के अनुसार, त्वचा रोगों का 90% उपचार डे-केयर सर्जरी से हो सकता है, लेकिन महंगी दवाओं और जांच के कारण मरीज इलाज से कतराते हैं। यदि त्वचा रोगों को योजना में शामिल किया जाए, तो मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है।

ये खबर भी पढ़ें... सक्ती रियासत के राजा और भाजपा नेता धर्मेंद्र सिंह को दुष्कर्म मामले में 12 साल की सजा

चिकित्सकों की राय

मित्तल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. सुमन मित्तल: कैंसर से संबंधित जांच और कुछ सर्जरी की दरों को आयुष्मान पैकेज में शामिल करने की जरूरत है। महंगी जांच के कारण मरीजों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। संजीवनी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. यूसुफ मेमन: कैंसर से संबंधित कई सुविधाएं योजना में शामिल हैं, लेकिन कुछ महंगी जांचों को मुफ्त करने से मरीजों को और राहत मिलेगी।

आयुष्मान और शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना ने लाखों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी है, लेकिन कैंसर, न्यूरोलॉजी, हृदय और त्वचा रोगों से संबंधित महंगी जांच और उपचार को शामिल करने की जरूरत है। चिकित्सकों का मानना है कि इन सुविधाओं को जोड़ने से मरीजों को पूर्ण लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक परेशानी कम होगी।

 

aayushman | treatment | free | struggle | आयुष्मान कार्ड

aayushman treatment free struggle Raipur Chhattisgarh आयुष्मान कार्ड मुफ्त इलाज रायपुर छत्तीसगढ़