मरीज की मौत का होगा ऑडिट, इलाज में लापरवाही होगी उजागर

डेथ ऑडिट में डॉक्टर्स को इलाज की पूरी प्रक्रिया का ब्योरा देना होगा। इससे इलाज में लापरवाही के पकड़ में आने की भी संभावना होगी। गड़बड़ी करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई भी होगी।

Advertisment
author-image
Marut raj
New Update
रायपुर
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रायपुर. इलाज के दौरान मरीज(patients ) की मौत होने पर डेथ ऑडिट (death audit) किया जाएगा। मरीज की मौत किस वजह से हुई है, यह पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि मरीज के इलाज में लापरवाही तो नहीं की गई थी। इसके साथ ही रायपुर में अब एक कॉल पर एमरजेंसी केस के मरीजों के लिए ग्रीन कॉरीडोर तैयार होगा। संभागायुक्त संजय अलंग ने सोमवार को स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक में ये निर्देश जारी किए हैं।

न्याय यात्रा में लगे मोदी-मोदी के नारे तो राहुल ने दिया ये जवाब, जानें

डॉक्टर्स पर होगी कार्रवाई

पूर्व मंत्री भगत की कमाई का रिकॉर्ड आया सामने, बढ़ी मुश्किलें

रायपुर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त ने संभाग के सभी जिला अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इलाज के दौरान मरीजों की मौत का डेथ ऑडिट कराने के निर्देश दिए। इस डेथ ऑडिट में डॉक्टर्स को इलाज की पूरी प्रक्रिया का ब्योरा देना होगा। इससे इलाज में लापरवाही के पकड़ में आने की भी संभावना होगी। गड़बड़ी करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई भी होगी। उन्होंने शिशु मृत्यु, मातृ मृत्यु के साथ-साथ अन्य मरीजों की इलाज के दौरान मौतों को कम से कम करने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश भी चिकित्सकों को दिए हैं।

उपमुख्यमंत्रियों के लिए सुप्रीम कोर्ट से आई राहत, नहीं जाएगी कुर्सी

ग्रीन कॉरीडोर के लिए नंबर जारी

लोकसभा चुनाव से पहले MP में आईटी की एंट्री, कांग्रेसियों में हड़कंप

बैठक में संभागायुक्त ने जरूरत पड़ने पर ग्रीन कॉरीडोर बनाने की तैयारियों के बारे में भी यातायात पुलिस के अधिकारियों से जानकारी ली। यातायात पुलिस के उप अधीक्षक ने बताया कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति या अस्पताल एक फोन कॉल पर ग्रीन कॉरीडोर की सुविधा ले सकता है। गंभीर मरीजों के ईलाज या ट्रांसप्लांट के लिए अंगो का परिवहन करने जिला प्रशासन-पुलिस प्रशासन हमेशा सजग और तैयार है। दुर्ग से लेकर रायपुर तक इसके लिए समर्पित आठ हाइवे पेट्रोलिंग टीम हमेशा तैनात रहती है। उप पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पिछले एक वर्ष में प्रशासन ने 57 बार ग्रीन कॉरीडोर बनाकर गंभीर मरीजों को ईलाज के लिए और अंगो को प्रत्यारोपण के लिए दूसरे शहरों में मरीजों तक निर्धारित समय सीमा से पहले पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर व्यक्ति या अस्पताल ग्रीन कॉरीडोर बनाने पुलिस कंट्रोल रूम के फोन नम्बर 94791-91099 या उप पुलिस अधीक्षक यातायात के शासकीय नम्बर 94791-91018 पर फोन कर मांग कर सकते हैं।

इलाज Patients death audit ऑडिट