छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग की स्थिति चरमरा गई है। कभी अमान्य कॉलेजों के खुलासे हो रहे हैं तो कभी सरकारी स्कूलों से शिकायतें मिलती है। अब सरकारी स्कूल की व्यवस्था को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। नारायणपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चे शौचालय को अपना कमरा बनाकर पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों की इस स्थिति से प्रशासन की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
नारायणपुर जिले के ओरछा के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय से गजब का खुलासा हुआ है। इस स्कूल में बच्चे शौचालय को अपना कमरा बनाकर पढ़ाई कर रहे हैं। हॉस्टल में कमरे की व्यवस्था नहीं होने से एक स्टूडेंट ने शौचालय की सीट को गिट्टी और रेत से पाट दिया। इसके साथ ही उसने सीट को कपड़े से ढक दिया। एक टेबल और सोने की व्यवस्था कर छात्र उसी शौचालय में रहता है, और वहीं पढ़ाई करता है।
वहीं छात्राएं बाहर खुले में नहाती है। हॉस्टल में बिजली और पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इस वजह से छात्राएं बाहर नहाने को मजबूर हैं। इसके साथ ही शौचालय तक की व्यवस्था हॉस्टल में नहीं है। इस वजह से छात्राओं को सुबह 5-6 बजे शौच के लिए भी बाहर जाना पड़ता है। स्कूल के इस हालत के लिए सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मामले में विपक्ष का सवाल है कि जब केंद्रीय विद्यालय की हालत इतनी खराब है तो अंदरूनी स्कूलों स्कूलों का क्या हाल होगा।
नारायणपुर जिले के सरकारी स्कूल में बच्चों को शौचालय में पढ़ाई करने की क्या वजह है?
नारायणपुर जिले के ओरछा स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कमरों की कमी के कारण छात्र शौचालय को पढ़ाई और रहने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। एक छात्र ने शौचालय की सीट को गिट्टी और रेत से भरकर इसे अपने कमरे में तब्दील कर लिया है।
हॉस्टल में छात्र-छात्राओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
हॉस्टल में बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। छात्राएं बाहर खुले में नहाने और सुबह जल्दी शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। शौचालय और साफ-सफाई की भी उचित व्यवस्था नहीं है, जिससे छात्रों की स्थिति और बदतर हो रही है।