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छत्तीसगढ़ सरकार ने कॉलेज विद्यार्थियों के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसके तहत अब पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास और उद्योग-कुशलता का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिग्री हासिल करने के बाद विद्यार्थियों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े। राज्य के उद्योग-अकादमी सहयोग प्रकोष्ठ ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है और पहले चरण में नौ कॉलेजों का चयन किया गया है।
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पिंक अप्रेंटिसशिप और इंटर्नशिप प्रोग्राम की शुरुआत
उद्योग-अकादमी सहयोग प्रकोष्ठ ने उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से 'पिंक अप्रेंटिसशिप और इंटर्नशिप प्रोग्राम' लॉन्च किया है। नए शैक्षणिक सत्र से इन कॉलेजों के छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रकोष्ठ ने कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने कॉलेज से 25 किलोमीटर के दायरे में उद्योगों, प्रशिक्षण संस्थानों और एनजीओ की मैपिंग करें, ताकि विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण के अवसर मिल सकें।
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प्री-एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम (पीईपी) के तहत प्रशिक्षण
इस प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों को स्वास्थ्य और मेडिकल सेवाएं, शिक्षा और प्रशिक्षण, आईटी और डिजिटल सेवाएं, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, सरकारी और सार्वजनिक प्रशासन, मीडिया और कम्युनिकेशन, होटल प्रबंधन और पर्यटन, फैशन और कपड़ा उद्योग, सामाजिक कार्य और एनजीओ, हस्तकला, ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग, सौंदर्य और प्रसाधन उद्योग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, कॉलेज के आसपास संचालित उद्योगों में भी व्यावहारिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
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चयनित कॉलेजों की सूची
इस पहल के लिए पहले चरण में निम्नलिखित नौ कॉलेजों का चयन किया गया है:
शासकीय नागार्जुन विज्ञान कॉलेज, रायपुर
शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला कॉलेज, रायपुर
शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ कॉलेज, रायपुर
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव
राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबिकापुर
शासकीय दाउ कल्याण कला एवं वाणिज्य कॉलेज, बलौदाबाजार
बाबू छोटे लाल श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज, धमतरी
आचार्य पंथ श्री ग्रंथ मुनि नाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज, कवर्धा
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रोजगारोन्मुखी भविष्य की दिशा में कदम
यह पहल न केवल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उन्हें उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल प्रदान कर रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगी। सरकार का यह कदम शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो युवाओं को उनके करियर में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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