थाने में कानून की धज्जियां: SI ने आदिवासी ग्रामीणों को पीटा, TI बने रहे मूकदर्शक

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर थाना क्षेत्र में 9 मई को एक SI द्वारा आम जनता से खुलेआम मारपीट की गई। मौके पर मौजूद थाना प्रभारी ने भी चुप्पी साधे रखी। घटनास्थल पर खुद बड़े डोंगर थाना प्रभारी भी उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर थाना क्षेत्र से पुलिसिया बर्बरता का एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जो न केवल पुलिस के व्यवहार बल्कि न्याय-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। 9 मई को थाना में पदस्थ एक सब-इंस्पेक्टर (SI) ने खुलेआम आम जनता के साथ मारपीट की, वह भी थाना परिसर में। इस दौरान थाना प्रभारी भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप करने के बजाय पूरे घटनाक्रम को मौन रहकर देखा।

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मारपीट की घटना का वीडियो वायरल

स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों के साथ हुई इस मारपीट की खबर और संबंधित वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना थाना परिसर में हुई, जहां ग्रामीण किसी समस्या को लेकर पहुंचे थे। इसी दौरान SI ने आपा खोते हुए मारपीट शुरू कर दी।

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मामले को दबाने की हो रही थी कोशिश

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस घटना को दबाने का प्रयास किया जा रहा था। थाना स्तर से लेकर जिला स्तर तक के कुछ अधिकारी मामले को नजरअंदाज कर दोषियों को बचाने की दिशा में प्रयासरत नजर आए। हालांकि, घटना सामने आने के बाद अब अधिकारी इस मुद्दे को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि पुलिस कर्मियों की भूमिका को कमतर दिखाया जा सके।

SP से शिकायत, आदिवासियों ने मांगा न्याय

घटना से आहत ग्रामीणों ने कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक (SP) को लिखित शिकायत सौंपते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। आदिवासी संगठनों ने भी इस कार्रवाई को जनजातीय समुदाय का अपमान बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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क्या प्रशासन देगा न्याय 

अब पूरे जिले की निगाह इस बात पर है कि क्या प्रशासन इस घटना में निष्पक्षता और पारदर्शिता दिखाते हुए न्याय करेगा, या फिर यह मामला भी नौकरशाही के दबाव में आकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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