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रायपुर : राजनीति में जब धर्म का तड़का लगता है तो जायका और रंग चोखा ही आता है। बीजेपी ने इस फॉर्मूले को हमेशा अपनाया है। राम मंदिर आंदोलन से लेकर राम मंदिर के उद्घाटन तक बीजेपी राम की पैरोकारी करती रही है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की विष्णु सरकार भी अब इस रास्ते पर तेजी से कदम बढ़ा रही है। अगले एक साल में सरकार धर्म पर 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च करेगी। इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। सरकार लोगों को अपनी तरफ से रामलला के साथ ही बाबा अमरनाथ के दर्शन भी करवाएगी। अमरनाथ यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 50 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। देखिए विष्णु की राजनीति में किस तरह लगाया जा रहा है धर्म का तड़का।
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राजनीति में धर्म का तड़का
बीजेपी की राजनीति का कोर बिंदु धर्म ही रहा है। राम मंदिर आंदोलन ने उसे दो सीट से लेकर लगतार तीसरी बार सरकार बना दी। राम मंदिर आंदोलन लालकृष्ण आडवाणी ने शुरु किया तो राम मंदिर का उद्घाटन नरेंद्र मोदी ने किया। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रामलला के नाम पर वोट भी मांगे। बीजेपी की गाय,गंगा,मंदिर की राजनीति ने यह दिखाया भी है कि जब धर्म की घंटी बजती है तो वोट भी खूब बरसते हैं। छत्तीसगढ़ की विष्णु सरकार भी अब धर्म के इस रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार अगले एक साल में धर्म पर 200 करोड़ खर्च करने जा रही है। सरकार ने इसका पूरा खाका खींच लिया है। खजाने की हालत भले ही खस्ता हो लेकिन धर्म के नाम पर सरकार को कोई समझौता मंजूर नहीं है।
रामलला के बाद बाबा अमरनाथ दर्शन
राम मंदिर उद्घाटन के बाद प्रदेश की विष्णु सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरु कर दी। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लोगों को अयोध्या धाम ले जाकर रामलला के दर्शन कराए जा रहे हैं। इस योजना में एक व्यक्ति पर 14 हजार रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा लोगों को रहने, खाने,पीने और परिवहन भी सरकार की तरफ से ही कराया जा रहा है। पिछले एक साल में सरकार ने 22100 लोगों को अयोध्या की यात्रा कराई। इस पर 28 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके साथ ही इस साल भी लोगों को रामलला के दर्शन के लिए 36 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। भगवान राम के बाद अब भगवान शिव के दर्शन भी विष्णु सरकार ही करवाएगी। मानसरोवर यात्रा के लिए सरकार प्रति व्यक्ति 50 हजार रुपए खर्च करेगी। इसके साथ ही सिंधु दर्शन के लिए भी सरकार ने खर्च की सीमा तय कर दी है। सिंधु दर्शन के लिए हर व्यक्ति पर 15 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इनके अलावा सरकार ने तीर्थ दर्शन योजना भी शुरु की है। इस योजना में बुजुर्गों को तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे। तीर्थ दर्शन पर खर्च के लिए सरकार ने 15 करोड़ रुपए अलग रख दिए हैं।
मंदिरों पर भी होगा खर्च
इन बड़ी धार्मिक यात्राओं के अलावा सरकार छत्तीसगढ़ के मठ मंदिरों पर भी खर्च करेगी। राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी देवी के मंदिर पर 80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे मां का परिक्रमा पथ बनाया जाएगा। इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त की जाएंगी। राजिम कुंभ को और भव्य बनाने के लिए 8 करोड़ रुपए रखे गए हैं। गाय,गंगा और मंदिर के साथ ही सरकार जल,जंगल्,जमीन यानी आदिवासी वर्ग के धार्मिक स्थलों के विकास पर भी ध्यान दे रही है। 14 करोड़ रुपए से आदिवासियों के धार्मिक स्थल संवारे जाएंगे।
अयोध्या की यात्रा पर गए इस जिले के इतने लोग
रायपुर - 2114
बिलासपुर - 1575
जांजगीर चांपा 1309
जशपुर - 1224
बलौदा बाजार 1141
दुर्ग 1110
महासमुंद 1106
कोरबा 1022
सरगुजा 1020
धमतरी 931
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