Vishnudev Sai Government Gaudham Scheme : गाय को हिंदू धर्म में माता का दर्जा दिया गया है। विष्णु सरकार ने गौशालाओं को गौधाम बना दिया है। इन पर खर्च भी खूब किया जा रहा है। लेकिन इन गौधामों में गायों की मौत का सिलसिला जारी है।
इनकी तस्करी भी नहीं रुक पा रही है। पिछले दो साल में इन गौशालाओं में साढ़े तीन हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। गायों की तस्करी का सिलसिला भी लगातार जारी है। सालाना सवा करोड़ से ज्यादा के खर्च के बाद भी गायों की मौत हो रही है। भूपेश सरकार की गोठान योजना पर ताला लग गया है अब विष्णु सरकार गौधाम बना रही है।
यह बड़ा मुद्दा इसलिए भी है क्योंकि सड़कों पर घूमती गायें हादसों का शिकार हो रही हैं और हादसों का कारण भी बन रही हैं। गाय पर सियासत भी खूब चल रही है। कांग्रेस ने हाल ही में गौ सत्याग्रह कर गायों को सरकारी कार्यालयों तक ले जाकर अपना विरोध जताया था।
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गौधामों में गायों की मौत
गाय को गौमाता कहा जाता है इसलिए विष्णु सरकार ने गौशालाओं को गौधाम नाम दिया है। बीजेपी सरकार के कोर एजेंडे में गाय शामिल रही है। लेकिन गौधामों में लगातार गायों की मौत हो रही है। बेसहारा गायों को आवास देने के लिए गौशालाएं संचालित की जा रही हैं। लेकिन इन गौशालाओं में गायों की मौत एक बड़ा मुद्दा बनी हुई हैं।
प्रदेश में 128 गौशालाएं संचालित हो रही हैं। इन गौशालाओं को सरकार अपनी तरफ से अनुदान देती है। इन 128 गौशालाओं में 34 हजार गायें रहती हैं। 2 लाख से ज्यादा वे गायें जो सरकारी रिकॉर्ड में बेसहारा हैं यानी सड़कों पर घूमती रहती हैं।
असलियत में इनकी संख्या कहीं ज्यादा है। मौत का आंकड़ा गंभीर है। इन गौशालाओं में मरने वाले पशुओं की संख्या साल 2023 में 1996 थी जबकि साल 2024 में 1520 गायें परलोक सिधार गईं। इतना ही नहीं प्रदेश में गायों की तस्करी भी हो रही है। इन सालों में 251 गौ तस्करी के मामले दर्ज किए गए हैं।
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सालाना 20 लाख मिलते हैँ इन गौशालाओं को
इन गौशालाओं की बेहतरी और गायों के खान-पान के लिए सरकार अपनी तरफ से फंड मुहैया कराती है। सरकारी जानकारी के मुताबिक गायों के चारा,भूसा और खली के लिए 25 रुपए प्रतिदिन प्रतिगाय के हिसाब से दिया जाता है।
गौशालाओं में शेड निर्माण के लिए 5 लाख रुपए सालाना, बीमारी के इलाज के लिए 25 हजार रुपए सालाना और पेयजल के लिए 1 लाख रुपए सालाना प्रति गौशाला दिया जाता है। इस तरह सरकार एक गौशाला को साल में 20 लाख रुपए तक देती है। यानी दो साल में इन गौशालाओं पर ढाई करोड़ रुपए खर्च किया गया फिर गाय की मौत लगातार हो रही है।
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गौ तस्करी रोकने कड़ा कानून
छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी से जुड़ी घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 20 साल पुराने कानून को सख्त कर दिया है। कुछ नियमों में बदलाव करते हुए अब पशु वध, मांस रखने या अवैध तरीके से गायों के परिवहन पर 7 साल की जेल और 50 हजार रुपए का जुर्माना या फिर दोनों सजा का प्रावधान होगा।गौ-वंश के परिवहन के लिए अधिकारियों से लाइसेंस लेना होगा।
गाड़ी पर फ्लैक्स लगाना होगा कि पशुओं का परिवहन हो रहा है। अवैध परिवहन होने पर गाड़ी जब्त की जाएगी। इस तरह के काम से जो भी पैसा कमाया गया है अथवा संपत्ति बनाई गई है, उसे कुर्क किया जाएगा। वहीं सीएम विष्णुदेव साय ने गायों के खान पान की अनुदान राशि को 25 रुपये से बढ़ाकर 35 रुपए करने की बात कही है। सीएम ने कहा- गौ माता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ में जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गौ माता हमारी समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ अभ्यारण्य को गौ-धाम कहना उचित होगा। राज्य सरकार द्वारा जगह जगह गौ -धाम बनाने का निर्णय किया गया है। बेमेतरा जिले के झालम में 50 एकड़ में गौ-धाम बनकर तैयार है, जल्द ही इसका उदघाटन किया जाएगा।
इसी तरह कवर्धा जिले में 120 एकड़ में गौ-धाम बनाने का काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और छत्तीसगढ़ के देवभोग ब्रांड को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि गौ माता सुरक्षित रहें। गौ तस्करी और गौ हत्या पर पाबंदी लगाने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं।
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