छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। चर्चित यश शर्मा अपहरण और हत्याकांड के मामले में नया मोड़ आया है, जहां जेल में बंद आरोपियों द्वारा गवाहों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस मामले ने रायपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि अपराधी जेल के भीतर से भी अपना नेटवर्क चला रहे हैं।
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गवाहों को मिली खौफनाक धमकी
यश शर्मा हत्याकांड के दो अहम गवाहों, खुशाल तोलानी और कमलेश बुलवानी ने राजेंद्र नगर थाने, एएसपी, और संबंधित कोर्ट में लिखित शिकायत दर्ज की है। शिकायत के अनुसार, जेल में बंद आरोपी तुषार पाहुजा, यश खेमानी, चिराग पंजवानी, और तुषार पंजवानी ने गवाहों को फोन पर धमकाया। रविवार को कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले, गवाहों को अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें उन्हें बयान बदलने की धमकी दी गई।
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कॉल करने वाले ने गवाहों को उद्योग भवन के पास मिलने बुलाया। जब खुशाल ने इनकार किया तो तीन बदमाश उनके घर के पास पहुंचे और गाली-गलौज कर दबाव बनाया। खुशाल ने बताया कि बदमाशों ने उसे जेल में बंद तुषार पाहुजा से फोन पर बात कराई, जिसने धमकी दी कि अगर उसने कोर्ट में बयान नहीं बदला, तो उसे "यश से भी बुरी मौत" दी जाएगी। इस धमकी से गवाहों में दहशत का माहौल है।
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कोर्ट और पुलिस सतर्क, जांच के आदेश
एसएसपी रायपुर डॉ. लाल उम्मेद सिंह और संबंधित कोर्ट ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। गवाहों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस बात की पड़ताल शुरू की है कि जेल में बंद आरोपी फोन का उपयोग कैसे कर पा रहे हैं। यह घटना जेल प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है।
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यह है यश शर्मा हत्याकांड
पिछले साल 13 अक्टूबर को प्रेम प्रसंग के विवाद के चलते तुषार पाहुजा और उनके साथियों ने यश शर्मा को मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद यश को कार में बंधक बनाकर मंदिर हसौद ले जाया गया, जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। बदमाशों ने यश को कई जगह घुमाया और जोरा के एक फार्म हाउस में तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा।
इस दौरान उसे जबरन शराब पिलाई गई। हालत बिगड़ने पर यश को उसके घर के पास छोड़ दिया गया, लेकिन तीन महीने बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई। गवाह खुशाल और कमलेश, यश के दोस्त हैं, जिन्होंने अपहरण की घटना देखी थी और कोर्ट में गवाही दी थी।
अपराधियों के बढ़ते हौसले, पुलिस पर सवाल
रायपुर में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाएं और इस मामले में जेल से धमकी का खुलासा अपराधियों के बेखौफ रवैये को दर्शाता है। हाल ही में माना बस्ती में दिनदहाड़े चाकूबाजी और खमतराई में पैसे के लेनदेन को लेकर हत्या जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं। इन घटनाओं से साफ है कि अपराधी न केवल सड़कों पर, बल्कि जेल के भीतर से भी अपने नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं।
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