मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) के 21 अफसर बड़े पदों का वेतन ले रहे हैं। ये अधिकारी संयुक्त कलेक्टर या समकक्ष पदों पर पदस्थ हैं, लेकिन छोटे पदों का काम कर रहे हैं। दो साल पहले इन्हें उच्च श्रेणी का वेतनमान मिलना शुरू हुआ था।
फरवरी 2025 तक सभी को यह वेतनमान मिल चुका है। इनकी पदस्थापना मंत्रालय में उप सचिव और जिलों में एडीएम, जिला पंचायत सीईओ के पदों पर करनी थी। शासन स्तर पर देरी के कारण राज्य को नुकसान हो रहा है।
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अफसरों की बढ़ती मांग
MP में विभागों और जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों की मांग बढ़ी है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के सामने हर तीसरे विभाग के प्रमुख की नियुक्ति की मांग हो रही है। जबलपुर, उज्जैन और रीवा जैसे जिलों से भी इसी तरह की मांग आ रही है। इन जिलों में अफसरों की कमी के कारण काम में रुकावट हो रही है।
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इनको मिला उच्च श्रेणी का वेतनमान
राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को उच्च श्रेणी वेतनमान मिल चुका है। इनमें सोहन कनास, शोभाराम सोलंकी, बिहारी सिंह, पुरुषोत्तम कुमार, अनिल भाना, सुनील शुक्ला, प्रभाशंकर त्रिपाठी, सारस्वत शर्मा, धीरेन्द्र सिंह, राजीव रंजन पांडे, संजीव केशव पांडे, प्रकाश शाक्य, अनिल जैन, शहिद खान, शैलेन्द्र हिनोतिया, वंदना जाट, राजेश शाह, पुष्पा पुशाम, दिलीप पांडे, विजेंद्र पांडे और चंदर सोलंकी शामिल हैं।
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