संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा परीक्षा 2023 ( MPPSC ) के प्री के रिजल्ट पर खतरा मंडरा रहा है। हाईकोर्ट जबलपुर में इसके तीन सवालों पर विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट मुश्किल में आने और एक याचिकाकर्ता को मेंस के फार्म भराने के लिए पात्र घोषित करने के बाद अब गुरुवार को 40 और याचिकाकर्ता उम्मीदवारों को पात्र घोषित कर दिया गया है। जस्टिस संजय दिवेदी की कोर्ट में पुराने आदेश के आधार पर इस संबंध में अंतरिम राहत दी गई। हालांकि अभी औपचारिक आर्डर आना बाकी है। वहीं कुछ और याचिकाएं इसी तरह की जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट में लगी है जिसमें शाम तक सुनवाई संभावित है। वहीं अधिवक्ता अंशुल तिवारी द्वारा 40 उम्मीदवारों की ओर से पक्ष रखा गया और हाईकोर्ट ने पुराने आदेश के तारतम्य में इन्हें भी मेंस में बैठने के लिए पात्रता दी।
अब 5 सवाल पर लगी आपत्ति
अभी पुरानी याचिका में तीन प्रश्न पर ही आपत्ति लगी थी, लेकिन अब दो और नए प्रश्न पर भी उममीदवारों ने आपत्ति लगाते हुए कहा कि इनकी फ्रेमिंग गलत है, ऐसे में यह सवाल रद्द होना चाहिए। इस तरह कुल पांच प्रशनों पर आपत्ति लग चुकी है।
हाईकोर्ट पर नजरें, इसी आधार पर सभी को पात्र ना कर दें घोषित
इस मामले में अब नजरें इस बात पर है कि हाईकोर्ट केवल याचिकाकर्ताओं की जगह उन सभी उम्मीदवारों को भी पात्र घोषित करता है या नहीं, जो इन प्रश्नों के चक्कर में ही मेंस क्वालीफाइन करने से चुक गए हैं। जस्टिस संजय दिवेदी कोर्ट में लगी करीब 40 याचिकाएं पर औपचारिक फैसला जारी होना तो वह इस मामले में पहले दो बार सुनवाई कर आयोग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर चुके जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होकर आदेश आना है। यदि ऐसा होता है तो फिर एमपीपीएससी ( MP PSC ) को नए सिरे से यह देखना होगा कि कौन उम्मीदवार इस दायरे में आता है, यानि कि प्री का रिजल्ट रिवाइज करने की नौबत आ जाएगी।
12 मार्च को भी लगी है हाईकोर्ट में सुनवाई
हाईकोर्ट जबलपुर में इस मालमे में वैसे ही आयोग के सचिव को विशेषज्ञ कमेटी के सभी नियम, कमेंट व अन्य जानकारी को साथ में लेकर आने के लिए कहा गया है। लेकिन समस्या यह है कि यह सुनवाई 11 मार्च को शुरू हो रही मेंस के बाद हो रही है। ऐसे में असमंजस है, यदि हाईकोर्ट से आयोग के खिलाफ कोई फैसला आता है तो फिर मेंस का क्या होगा? यदि प्री रिजल्ट को नए सिरे से बनाने के आदेश हुए तो फिर नए सिरे से पात्र सभी उम्मीदवारों के लिए आयोग को नए सिरे से स्पेशल मेंस कराना पड़ जाएगी जैसा साल 2019 के लिए हुआ था। ऐसे में सभी जगह से मांग भी यही आ रही है कि आयोग को मेंस आगे बढ़ा देना चाहिए और जबलपुर हईकोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना चाहिए।
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इस तरह थी कटऑफ लिस्ट
- मूल रिजल्ट यानि 87 फीसदी पद में- अनारक्षित के लिए 162 अंक, ओबीसी के लिए 158, एसटी के लिए 142 व एससी के लिए 150, ईडब्ल्यूएस के लिए 158 अंक
- प्रोवीजनल रिजल्ट यानि 13 फीसदी पद के लिए- अनारक्षित के लिए 158 व ओबीसी के लिए 156 अंक