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Photograph: (the sootr)
BHOPAL.. मध्यप्रदेश विधानसभा ने अपनी स्थापना के 69 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर बुधवार, 17 दिसंबर को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया। यह सत्र प्रदेश की लोकतांत्रिक यात्रा और भविष्य की दिशा तय करने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
चर्चा की शुरुआत, भविष्य की तस्वीर
सदन में चर्चा की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। उन्होंने सरकार के अब तक किए गए कार्यों का लेखा-जोखा रखा। उन्होंने आने वाले समय में प्रदेश के लिए तय की गई प्राथमिकताओं की जानकारी दी।
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विकसित और आत्मनिर्भर एमपी का संकल्प
मुख्यमंत्री ने सदन में मध्यप्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव पर विधानसभा में करीब सात घंटे तक चर्चा प्रस्तावित है।
दो साल में लिए गए दूरगामी फैसले
सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार के दो साल के कार्यकाल में ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो आने वाले समय में माइलस्टोन साबित होंगे। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी की सरकार ने बीमारू राज्य की छवि बदलकर उसे विकास की राह पर आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर नागरिक सुखी हो। इसके लिए न केवल ठोस नीति बनाई गई है, बल्कि उसे जमीन पर उतारने की स्पष्ट नियत भी है।
नक्सलवाद और अवैध नेटवर्क पर सख्ती
सीएम ने बताया कि प्रदेश में नक्सलवाद को ध्वस्त किया गया है। अवैध हथियार फैक्ट्रियों को बंद किया गया और आतंकी नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई हुई। 11 दिसंबर को ‘लाल सलाम’ को अंतिम सलाम दिए जाने का जिक्र भी उन्होंने किया।
मेट्रोपॉलिटन सिटी का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्ष 2026 तक जबलपुर और ग्वालियर को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी के दायरे में लाया जाएगा।
गांवों के लिए ‘वृंदावन मॉडल’
ग्रामीण विकास को लेकर सीएम ने बताया कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘वृंदावन गांव’ की योजना पर काम किया जा रहा है। इसका उद्देश्य गांवों में समग्र विकास और बेहतर जीवन सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक सदन
सीएम मोहन यादव ने कहा कि विधानसभा सत्ता का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का प्रतीक है। गरिमापूर्ण सदन का एकत्र होना लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है।
अर्जुन सिंह का योगदान याद किया
मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन सिंह के योगदान को याद किया। उन्होंने नवोदय विद्यालय जैसी दूरदर्शी पहल की शुरुआत की, जो आज देशभर में शिक्षा का मजबूत मॉडल बन चुकी है।
शिक्षा में नए प्रयोग
सीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में मध्यप्रदेश अग्रणी रहा है। सांदीपनि आश्रम मॉडल पूरे देश में अनोखा है, जहां 395 आश्रम संचालित हो रहे हैं और शिक्षकों की 95 प्रतिशत तक ई-अटेंडेंस सुनिश्चित की गई है।
स्वास्थ्य और मेडिसिटी का खाका
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘निरोगी काया’ को प्राथमिकता दी गई है। उज्जैन में मेडिसिटी विकसित की जा रही है, जिसका मॉडल भविष्य में प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू होगा। राज्य में एयर एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है।
लाड़ली बहना योजना का विस्तार
सीएम ने बताया कि लाड़ली बहना योजना की राशि पहले 1,000 रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 1,500 रुपए कर दिया गया है। यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कदम है।
आतंक और नक्सल नेटवर्क पर ऐतिहासिक कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि पहले प्रदेश में नक्सली और आतंकी घटनाएं आम थीं। 1999 में एक मंत्री की नक्सलियों द्वारा हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब हालात पूरी तरह बदले हैं और ऐसे नेटवर्क को खत्म कर दिया गया है।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह विशेष सत्र प्रदेश के लिए सौभाग्य का क्षण है। बाबा महाकाल की नगरी से मिली प्रेरणा पूरे मध्यप्रदेश में विकास का आधार बनेगी।
भविष्य की दिशा तय करता संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लिए जा रहे फैसले भले ही छोटे लगें, लेकिन भविष्य में यही फैसले जनता के जीवन में बड़े बदलाव लाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि मध्यप्रदेश में हरियाली बढ़ेगी, गरीबी घटेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की ओर कदम
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प अब नीति और नियोजन के स्तर पर आगे बढ़ चुका है। प्रदेश में परिवर्तन का नया दौर शुरू हो गया है, जो आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
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विजयवर्गीय ने गिनाईं उपलब्धियां और भविष्य का विजन
विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश विधानसभा को देश की सर्वश्रेष्ठ विधानसभा बताया। उन्होंने कहा कि यह सदन जनभागीदारी, परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों का मजबूत उदाहरण रहा है।
मंत्री विजयवर्गीय ने सिलसिलेवार रूप से प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री के योगदान पर बात की। उन्होंने प्रदेश के विकास में सभी मुख्यमंत्रियों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश के विकास में सभी के सहयोग की सराहना की।
बजट में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 1956 में विधानसभा का बजट 493 करोड़ रुपए था। आज यह बढ़कर 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। 2047 तक बजट को 20 लाख करोड़ रुपए तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
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