मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले : खुल गया नियमितीकरण का रास्ता, सरकार ने समाप्त किया अस्थायी और स्थायी पद का अंतर

सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए हैं। इस बैठक में कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर चर्चा की गई है। जानें मोहन कैबिनेट में क्या-क्या फैसले लिए गए हैं।

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Amresh Kushwaha
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मध्यप्रदेश में आज, 16 दिसंबर को सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े और अहम फैसले लिए गए हैं। वहीं, बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने दी।

कर्मचारियों के नियमितीकरण पर बड़ा फैसला

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि मोहन कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के हित में अहम फैसला लिया है। अब स्थायी और अस्थायी सेवाओं का अंतर खत्म कर दिया गया है। यह व्यवस्था पिछले पांच दशकों से लागू थी।

प्रदेश में करीब 7.5 लाख शासकीय कर्मचारी हैं। इनमें लगभग 5 प्रतिशत पद अस्थायी थे। दो श्रेणियों में बांटने से कर्मचारियों को कानूनी दिक्कतें होती थीं। अब इस फैसले से उन दिक्कतों को खत्म कर दिया गया है।

नए फैसले के मुताबिक, सभी विभाग प्रमुख अब अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी बना सकेंगे। इसका मतलब है कि अब अस्थायी श्रेणी नहीं होगी। जो भी खाली पद अभी हैं, उन्हें नियमित रूप से भरा जाएगा।

कर्मचारियों को ये होगा फायदा

इस नए फैसले से कर्मचारियों को कई फायदे होंगे। सेवाओं का प्रबंधन और नियंत्रण आसान होगा। अनावश्यक आदेश-निर्देश की जरूरत नहीं पड़ेगी। अस्थायी पद धीरे-धीरे खत्म होंगे और इन पदों पर भर्ती नहीं होगी।

वर्तमान कर्मचारियों के सेवानिवृत होने के बाद इन पदों को नियमित किया जाएगा। जो अस्थायी कर्मचारी सेवा में हैं, वे अपनी सेवा जारी रखेंगे। विभाग चाहें तो इन्हें स्थाई श्रेणी में शामिल कर सकते हैं। प्रदेश के कई विभागों में बड़ी संख्या में अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं।

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भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना के बजट पर चर्चा

भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना के लिए बजट में प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत 2025-26 में 90.67 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। डिप्टी सीएम शुक्ला ने बताया कि आमदनी और खर्च में अंतर राज्य सरकार को भरना पड़ता है। स्टेट बजट पर कम दबाव पड़े, इसलिए यह बजट अनुमानित किया गया है।

अपर नर्मदा परियोजना के लिए 1782 करोड़ मंजूर

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि अपर नर्मदा परियोजना के लिए 1782 करोड़ का पैकेज मंजूर किया गया है। यह पैकेज बसानिया और राघौपुर में डूब प्रभावितों के लिए है।

इसके अलावा, अनूपपुर, मंडला और डिडौरी की सिंचाई योजना पर काम तेज होगा। इस योजना से 71 हजार 967 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। इसके साथ ही 125 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इस परियोजना की लागत 5512 करोड़ रुपए है।

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में 905.25 करोड़ का बजट पास

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 905.25 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। यह बजट 2026-27 से 2030-31 तक खर्च किया जाएगा। इस योजना में 18 से 45 साल के युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हजार से 50 लाख रुपए तक मिलेगा।

स्वरोजगार के लिए हर साल 3% ब्याज पर अनुदान मिलेगा। इसके साथ सात साल तक लोन गारंटी और फीस अनुदान भी मिलेगा। यह बजट आने वाले पांच साल के लिए मंजूर किया गया है।

छह वन विज्ञान केंद्रों की होगी स्थापना

मध्यप्रदेश में छह वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र 2025-26 से 2029-30 तक स्थापित होंगे। इसके लिए 48 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है।

इन केंद्रों का उद्देश्य वानिकी गतिविधियों को बढ़ाना है। इसके साथ वन भूमि की उत्पादकता बढ़ाने और अतिरिक्त आय के साधन विकसित करने पर काम होगा।

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