BHOPAL.मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग पर तबादले शुरू होने से पहले ही प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ये सवाल तबादलों से पहले अतिशेष शिक्षकों की एक सूची को लेकर उठ रहे हैं। विभाग ने कुछ समय पहले ही स्कूलों में कमी के आधार पर अतिशेष शिक्षकों का कार्यस्थल बदलने की योजना बनाई थी। इसके तहत लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षा पोर्टल पर 20,344 शिक्षकों को अतिशेष बताते हुए इनकी सूची अपडेट की है। इस सूची के पोर्टल पर आने के बाद से ही विरोध शुरू हो गया है। उधर तबादला नीति में च्वॉइस फिलिंग को लेकर बालाघाट जिले की महिला शिक्षक की याचिका पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय और जिला शिक्षा अधिकारी बालाघाट को नोटिस जारी किया है।
शिक्षा विभाग में लंबे समय से मध्यप्रदेश की नई तबादला नीति की प्रतीक्षा हो रही थी। हाल ही में सरकार द्वारा नई तबादला नीति जारी की गई है। जिसके बाद से शिक्षक अपने पसंदीदा स्कूलों में पदस्थापना की जुगत लगाने में भिड़ गए हैं। तबादला नीति के तहत शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर स्कूलों के नाम दर्ज करने का प्रावधान किया गया है। इसे ऑनलाइन प्रोफार्मा में भरना अनिवार्य है। वहीं तबादलों से ठीक पहले लोक शिक्षण संचालनालय अतिशेष शिक्षकों का समायोजन करने के चक्कर में 20,344 शिक्षकों की सूची जारी कर विवादों में फंस गया है।
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शिक्षक कम फिर भी बता दिया अतिशेष
लोक शिक्षण संचालनालय तबादलों से पहले स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना उन जगहों पर करना चाहता है जहां शिक्षकों की कमी है। इसके लिए जिन स्कूलों में छात्र संख्या के मुकाबले शिक्षकों की संख्या अधिक है उन शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल किया गया है। यह सूची कुछ समय पहले ही संचालनालय द्वारा शिक्षा पोर्टल पर अपलोड की गई है। लेकिन इस सूची के सामने आते ही अब शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है। शिक्षकों का आरोप है कि डीपीआई ने अतिशेष के नाम पर शिक्षकों के चयन में मनमानी की है। सूची में कई ऐसे स्कूलों के शिक्षकों को शामिल किया गया है जहां पहले से ही कमी है। वहीं कई ऐसे स्कूलों के शिक्षकों को छोड़ दिया गया है जहां वास्तव में छात्रों के मुकाबले शिक्षकों की संख्या बहुत ज्यादा है।
चहेतों का लाभ पहुंचाने वाली अतिशेष सूची
तबादलों से पहले लोक शिक्षण संचालनालय की अतिशेष शिक्षक सूची पर खड़ा हुआ विरोध थम नहीं रहा है। अब शिक्षकों के पक्ष में राज्य कर्मचारी संघ, शिक्षक संघ जैसे कई संगठन भी मुखर हो गए हैं। शिक्षक संघ के अध्यक्ष क्षत्रवीर सिंह राठौर का कहना है कि डीपीआई ने एक बार फिर मनमानी की है। प्रक्रिया के तहत उच्च माध्यमिक शिक्षकों को केवल चहेतों को लाभ पहुंचाने के चक्कर में वरिष्ठता को आधार बनाकर अतिशेष घोषित किया गया है। जो सूची जारी की गई है उसकी जांच कराई जाए तो अधिकारियों की कारगुजारी सामने आ जाएगी। शिक्षकों के विरोध का यह मामला विभाग के मंत्री उदयप्रताप सिंह, विभाग के सचिव संजय गोयल और डीपीआई कमिश्नर शिल्पा गुप्ता तक भी पहुंच गया है। शिक्षक इस अतिशेष सूची को निरस्त करने की मांग पर अड़ गए हैं।
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हाईकोर्ट पहुंचा च्वॉइस फिलिंग का मामला
नई तबादला नीति के बाद शिक्षकों की पोस्टिंग की तैयारी में जुटे अधिकारियों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट जबलपुर में न्यायाधिपति डीडी बंसल की सिंगल बेंच ने बालाघाट जिले की कुम्हारी उच्चतर माध्यमिक शाला में पदस्थ महिला शिक्षक अनुसुइया सोनवे की याचिका की सुनवाई के बाद ये नोटिस जारी किए हैं। याचिकाकर्ता महिला शिक्षक ने तबादला नीति में शामिल च्वॉइस फिलिंग को मजबूरी बताया है। उनका कहना था कि इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों को विविश किया जा रहा है। सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव संजय गोयल, डीपीआई कमिश्नर शिल्पा गुप्ता, बालाघाट डीईओ, संकुल प्राचार्य उमावि कुम्हारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।