जनसंपर्क विभाग में पदस्थापना विवाद खत्म: गणेश प्रसाद जायसवाल ने संभाला अपर संचालक का कार्यभार

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग में पदस्थापना विवाद शांत हो गया है। गणेश प्रसाद जायसवाल ने अपर संचालक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। आदेश जारी होते ही अधिकारियों ने इसे वरिष्ठता और परंपरा से हटकर निर्णय बताया।

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Ramanand Tiwari
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Ganesh Prasad Jaiswal
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BHOPAL.मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग में पिछले एक सप्ताह से चल रहा पदस्थापना विवाद बुधवार को शांत हो गया। गणेश प्रसाद जायसवाल ने अंततः अपर संचालक के पद पर औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण कर लिया।

आदेश जारी होते ही बढ़ा विरोध

जायसवाल की पोस्टिंग का आदेश जारी होते ही कई अधिकारियों ने इसे वरिष्ठता और परंपरा से हटकर निर्णय बताया। इससे प्रदेशभर में अधिकारियों की एकजुटता दिखाई दी। मामले ने तेजी से तूल पकड़ा।

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नर्मदापुरम के पूर्व डिप्टी कमिश्नर रहे हैं जायसवाल

गणेश प्रसाद जायसवाल इससे पहले नर्मदापुरम में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात थे। वे 2012 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी हैं। विभाग में पदस्थापना एक विभागीय पद मानी जाती है। यह पद आमतौर पर जनसंपर्क कैडर के अधिकारी पदोन्नति के बाद प्राप्त करते हैं।

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प्रमोशन गैप से बढ़ी असंतुष्टि

विभाग में लंबे समय से प्रमोशन समय पर नहीं हुए हैं। इसके कारण कई अधिकारी आज भी जॉइंट डायरेक्टर रैंक में कार्यरत हैं। RAS अधिकारी का सीधे अपर संचालक बनकर आना वरिष्ठता पर ओवरराइड जैसा दिखा। यह कई अधिकारियों के लिए आपत्ति का कारण बना। यही कारण रहा कि विरोध तेज हुआ और कर्मचारियों ने औपचारिक रूप से आपत्ति दर्ज कराई।

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कलम बंद आंदोलन’ ने गर्माया माहौल

विरोध के बीच प्रदेशभर में एक दिन का कलम बंद आंदोलन आयोजित किया गया। कई कार्यालयों में फाइल वर्क रुका और विभागीय गतिविधियां प्रभावित रहीं। यही वह क्षण था जब पूरा विवाद सुर्खियों में आ गया।

विवाद कैसे शुरू हुआ? 

विभाग ने जायसवाल को अपर संचालक के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी किया। आदेश के बाद अधिकारियों ने सामूहिक विरोध जताया। मामला वरिष्ठता, प्रक्रिया और पद की प्रकृति को लेकर संवेदनशील हो गया। विरोध को स्वरूप देने के लिए कर्मचारियों ने कलम बंद आंदोलन किया। विभागीय बातचीत और समय देने के बाद विवाद धीरे-धीरे शांत होता गया।

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खींचतान थमी, विभाग में सामान्य स्थिति

लगातार चर्चा, मध्यस्थता और विभागीय स्तर पर बातचीत के बाद तनाव कम हुआ। जायसवाल ने मुख्यालय पहुंचकर जॉइनिंग दे दी, जिससे विवाद पर औपचारिक रूप से विराम लग गया।

4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 गणेश प्रसाद जायसवाल को अपर संचालक के पद पर नियुक्त किया गया। आदेश जारी होते ही कई अधिकारियों ने इसे वरिष्ठता और परंपरा के खिलाफ बताया। इसके बाद प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया।

👉 जायसवाल पहले नर्मदापुरम में डिप्टी कमिश्नर थे। वे 2012 बैच के RAS अधिकारी हैं। विभाग में यह पद आमतौर पर पदोन्नति के बाद मिलता है। उन्हें सीधे अपर संचालक के रूप में नियुक्त किया गया। इससे कई अधिकारियों में असंतोष फैल गया।

👉 विभाग में लंबे समय से प्रमोशन नहीं हुए थे। कई अधिकारी अभी भी जॉइंट डायरेक्टर के पद पर थे। इससे असंतोष बढ़ा, क्योंकि RAS अधिकारी का सीधे अपर संचालक बनना वरिष्ठता पर सवाल खड़ा करता था।

👉विरोध को जोर देने के लिए प्रदेशभर में कलम बंद आंदोलन हुआ। इसके कारण कई कार्यालयों में कामकाजी गतिविधियां प्रभावित हुईं। यह आंदोलन विवाद को और बढ़ा गया।

विभाग में कामकाज पटरी पर लौटेगा

अधिकारियों का कहना है कि विभाग में प्रशासनिक समन्वय जरूरी होगा। जॉइनिंग के बाद सभी इकाइयों में कामकाज सामान्य होगा।

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