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BHOPAL. एमपी के अधिकारी-कर्मचारी अब न तो अपनी सीआर छिपा सकेंगे और न ही कम नंबरों पर प्रमोशन पा सकेंगे। क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार के पदोन्नति 2025 के नए नियम ही इतने सख्त हैं। सरकार ने 23 साल बाद पदोन्नति नियम लागू किए हैं। आइए समझते हैं खास-खास बदलावों के बारे में…
अब सिर्फ सात साल की सीआर देखेंगे
पहले प्रमोशन के लिए 10 साल पीछे तक की सीआर देखी जा सकती थी। अधिकारी-कर्मचारी दस साल में 5 वर्षों की अच्छी सीआर जोड़कर 15 अंक ले लेते थे और प्रमोशन हो जाता था। अब सीआर देखने में सिर्फ 7 साल की बाध्यता लागू कर दी गई है।
इन सात साल में से ही किसी पांच साल की सीआर नंबरों के लिए जोड़ी जाएगी। अगर 12 नंबर नहीं आए तो प्रमोशन रुक जाएगा। इसमें भी पिछले दो साल में से एक सीआर होना जरूरी होगी। पिछले पांच वर्ष की सीआर में कम से कम 2 A यानी आउट स्टैंडिंग होना जरूरी है।
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पदोन्नति नियम 2025 में बड़ा बदलाव क्या?
- पहले सामान्य वर्ग के कर्मचारियों के लिए 10 नंबर लाने होते थे। वहीं SC- ST के लिए 8, लेकिन अब सामान्य वर्ग के लिए 12 और SC- ST के लिए 11 नंबर अनिवार्य किए गए हैं।
- पहले SC- ST के यदि 8 नंबर नहीं आ पाते थे तो भी उसे छूट देकर प्रमोशन मिल जाता था। अब ऐसा नहीं होगा।
- इसकी जगह SC- ST के ही नीचे से उस कर्मचारी को प्रमोशन मिलेगा जिसके 11 नंबर हो रहे होंगे।
- इसी नियम को सामान्य वर्ग के कर्मचारियों पर भी लागू किया गया है। यानी 12 नंबर नहीं आए तो प्रमोशन का मौका नहीं मिलेगा। अगर कोई दो विभागों में काम कर रहा है तो दोनों की सीआर लेकर उसका औसत लिया जाएगा।
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रुक सकते हैं कई डिप्टी कलेक्टरों के प्रमोशन
पदोन्नति नियम 2025 का जुलाई में नोटिफिकेशन होने के बाद भी हाई कोर्ट की रोक होने से प्रमोशन अटक सकते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी डिप्टी कलेक्टरों के प्रमोशन में आ सकती है। दरअसल पहले 10 साल तक की सीआर देखकर नंबर का गणित बैठा लिया जाता था, मगर अब नियम सख्त होने से नंबर का गणित मुश्किल हो गया है।
हाईकोर्ट में अभी प्रमोशन में आरक्षण
नियम 2025 को चैलेंज किया गया है, लेकिन मैरिट के आधार पर सामान्य पदोन्नति के नियम को चैलेंज नहीं किया गया। इसीलिए सामान्य प्रशासन विभाग ने बाकी विभागों को नियम भेज दिए हैं, जिनको डीपीसी में आधार बनाया जाएगा। कर्मचारी-अधिकारियों को क्रमोन्नति जो मिलती है, उसमें भी यह नियम प्रभावी होंगे।
हाईकोर्ट में अभी प्रमोशन में आरक्षण
नियम 2025 को चैलेंज किया गया है, लेकिन मैरिट के आधार पर सामान्य पदोन्नति के नियम (Promotion Rules) को चैलेंज नहीं किया गया। इसीलिए सामान्य प्रशासन विभाग ने बाकी विभागों को नियम भेज दिए हैं, जिनको डीपीसी में आधार बनाया जाएगा। कर्मचारी-अधिकारियों को क्रमोन्नति जो मिलती है, उसमें भी यह नियम प्रभावी होंगे।
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